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Ethanol Production: डिस्टलरीज को इथेनॉल के लिए BHM इस्तेमाल की अनुमति अभी नहीं मिलेगी, जानिए क्या है वजह 

Ethanol Production: डिस्टलरीज को इथेनॉल के लिए BHM इस्तेमाल की अनुमति अभी नहीं मिलेगी, जानिए क्या है वजह 

इथेनॉल बनाने के लिए बी-हैवी गुड़ के इस्तेमाल की अनुमति का इंतजार कर रही डिस्टलरीज को राहत मिलती नहीं दिख रही है. सरकार आगामी चुनावों को देखते हुए चीनी की कीमतों में उछाल का जोखिम सरकार नहीं लेना चाहती है. ऐसे में देश की कुछ डिस्टलरीज का कामकाज ठप होने का संकट छाया हुआ है. 

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इथेनॉल बनाने के लिए बीएचएम यानी बी-हैवी गुड़ के इस्तेमाल पर बैन लगा है. इथेनॉल बनाने के लिए बीएचएम यानी बी-हैवी गुड़ के इस्तेमाल पर बैन लगा है.

डिस्टलरीज इथेनॉल बनाने के लिए बीएचएम यानी बी-हैवी गुड़ के इस्तेमाल की अनुमति का इंतजार कर रही हैं, लेकिन सरकार लोकसभा चुनाव से पहले इसकी अनुमति देने के मूड में नहीं दिख रही है. क्योंकि, सरकार 31 मार्च तक के चीनी उत्पादन आंकड़े पिछले साल की तुलना में कम हैं, ऐसे में चीनी की कीमतों में उछाल का जोखिम सरकार नहीं लेना चाहती है. ऐसे में देश की कुछ डिस्टलरीज का कामकाज ठप होने का संकट छाया हुआ है. 

भारत सरकार इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए फीडस्टॉक के रूप में बी-हैवी गुड़ (बीएचएम) पर प्रतिबंध हटाने पर विचार नहीं कर रही है. क्योंकि सरकार को चीनी की कीमतों में बढ़ोत्तरी का जोखिम है. हालांकि, डिस्टलरीज ने कहा है कि चीनी की पर्याप्त मात्रा बनी हुई है, लेकिन उन्हें छूट मिलने की संभावना नहीं है. इसके उलट सरकार इथेनॉल के लिए बी-हैवी गुड़ (बीएचएम) के इस्तेमाल की मंजूरी देने के डिस्टिलरीज के तर्क से सहमत है. लेकिन, आगामी चुनाव को देखते हुए निर्णय लेने का यह समय सही नहीं है. 

तर्क प्रतिबंध हटा तो स्टोरेज कॉस्ट बढ़ेगी 

रिपोर्ट के अनुसार अगर बीएचएम पर प्रतिबंध दो महीने के बाद हटा दिया जाता है तो डिस्टलरीज को कोई नुकसान नहीं है. क्योंकि, मिलों और डिस्टिलरीज के पास अभी जो स्टॉक है, उसमें भंडारण लागत बढ़ने का खतरा है. सूत्रों ने कहा डिस्टलरीज बीएचएम का स्टॉक रखते हैं ताकि गन्ना पेराई खत्म होने के बाद इसका इस्तेमाल किया जा सके. बता दें कि इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) नवंबर से अक्टूबर तक चलता है और डिस्टिलरी फीडस्टॉक की उपलब्धता के आधार पर पूरे साल प्रॉसेसिंग करती हैं.

केंद्र ने पिछले साल लगाया था प्रतिबंध 

केंद्र सरकार ने 7 दिसंबर 2023 को ने घरेलू खपत के लिए चीनी की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए चीनी मिलों और डिस्टिलरीज को इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस, सिरप और बीएचएम के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था. इंडस्ट्री के अनुमान बताते हैं कि डिस्टिलरी और चीनी मिलों के पास अब तक लगभग 8 लाख टन बीएचएम का भंडार है जो लगभग 25 करोड़ लीटर इथेनॉल का बनाने के लिए पर्याप्त है.

अनुमति नहीं मिलने से कई डिस्टलरीज का कामकाज ठप 

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि वर्तमान इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) में अब तक पेट्रोल (ईबीपी) के साथ इथेनॉल मिश्रण 12 प्रतिशत के करीब है और यह पूरे सीजन में 12 प्रतिशत से कम नहीं हो सकता है. बीएचम के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के चलते कई डिस्टलरीज का कामकाज लगभग ठप पड़ा है. उधर, सरकार को उम्मीद है कि 2023-24 चीनी सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में भारत का चीनी उत्पादन 310 लाख टन होगा. क्योंकि 31 मार्च तक पहले ही 295 लाख टन का उत्पादन किया जा चुका है. 280 लाख टन के खपत अनुमान के मुकाबले इस बार 30 लाख टन चीनी सरप्लस होगी. 

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