मक्का की कीमतों में गिरावट आएगी, वैश्विक बाजार में अधिक आपूर्ति ने दबाव बनाया, जानिए किसे फायदा होगा  

मक्का की कीमतों में गिरावट आएगी, वैश्विक बाजार में अधिक आपूर्ति ने दबाव बनाया, जानिए किसे फायदा होगा  

इस साल वैश्विक बाजार में अतिरिक्त आपूर्ति, अधिक स्टॉक और कमजोर मांग के कारण मक्का की कीमतें नीचे आएंगी. मक्का कीमतें पहले से ही 3 साल के निचले स्तर पर हैं.

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मक्का की कीमतों में गिरावट आएगी, वैश्विक बाजार में अधिक आपूर्ति ने दबाव बनाया, जानिए किसे फायदा होगा  मक्का की कीमतों में गिरावट आएगी

वैश्विक स्तर पर मक्के की कीमतों में गिरावट की संभावना जताई गई है. मक्के की अधिक आपूर्ति के चलते कीमतों में नरमी आने का अनुमान जताया गया है. जबकि, मक्का की कीमतें पहले से ही 3 साल के निचले स्तर पर हैं. कीमतों में गिरावट उन पोल्ट्री और स्टार्च मैन्यूफैक्चरर्स लाभदायक हो सकती है, जो मक्के की घरेलू दरों में तेजी को देखते हुए आयात का विचार बना रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय अनाज परिषद ने 2023-24 के लिए मक्का उत्पादन अनुमान बढ़ा दिया है. 

3 साल के निचले स्तर पर है मक्का की कीमत 

शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबीओटी) पर मकई मार्च अनुबंध वर्तमान में 4.45 डॉलर प्रति बुशेल यानी 14,575 रुपये प्रति टन पर चल रहा है. यह कीमत 3 साल के निचले स्तर पर है. घरेलू बाजार में भारित औसत कीमत 2,150 से ऊपर है और देश के कई हिस्सों में मॉडल कीमत 2,200 से अधिक है. यह 2,090 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के विरुद्ध है. पर्याप्त बारिश में कमी के कारण गन्ने का उत्पादन प्रभावित होने के बाद भारत में मक्के का उपयोग इथेनॉल के उत्पादन के लिए किया जा रहा है, इस साल कीमतें एमएसपी रेट से ऊपर तेजी से बढ़ी हैं.

आयात शुल्क में छूट नहीं देगी सरकार 

विशेष रूप से पोल्ट्री सेक्टर और स्टार्च इंडस्ट्री मक्का आयात करने के लिए शुल्क मुक्त सुविधा की मांग कर रहे हैं. हालांकि, केंद्र उनकी मांग पर विचार नहीं करेगा क्योंकि टैरिफ कोटा व्यवस्था के तहत 15 प्रतिशत की रियायती शुल्क पर पांच लाख टन मक्का का आयात किया जा सकता है. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार एक व्यापार विश्लेषक ने कहा कि सामान्य तौर पर आयात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया जाता है.

अंतर्राष्ट्रीय अनाज परिषद ने उत्पादन अनुमान बढ़ाया 

वैश्विक मक्का बाजार 2022-23 में 1.1 मिलियन टन की कमी के बाद 2023-24 जुलाई-जून में 40.1 मिलियन टन की नेट सरप्लस पोजीशन में वापस आ जाएगा. अंतर्राष्ट्रीय अनाज परिषद (IGC) ने कहा कि जौ और गेहूं की फसल भी बड़ी देखी गई है, विश्व में कुल अनाज यानी गेहूं और मोटे अनाज का उत्पादन 2023-24 का अनुमान बढ़ाया गया है. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र निकाय के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की कृषि विपणन सूचना प्रणाली (एएमआईएस) ने भी मक्का उत्पादन के लिए अपना पूर्वानुमान बढ़ा दिया है. 

ब्राजील की गिरावट को अमेरिका चीन और भारत से पूरी होगी 

वैश्विक एजेंसी ने वैश्विक बाजार और व्यापार रिपोर्ट में कहा है कि वैश्विक मक्का उत्पादन में बढ़ोत्तरी का अनुमान है. अमेरिका, चीन, भारत और पैराग्वे में बड़ी फसलें ब्राजील में गिरावट की भरपाई कर सकती हैं. अमेरिकी उत्पादन का अनुमान 15.22 अरब बुशेल के पहले अनुमान के मुकाबले रिकॉर्ड 15.34 अरब बुशेल (प्रत्येक 25.40 किलोग्राम) होने का अनुमान लगाया गया है.

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