देश के कई हिस्सों में अदरक के दाम में तेजी देखी जा रही है. इसके पीछे बड़ी वजह बेमौसम बारिश को बताया जा रहा है. इस बढ़े दाम का फायदा अदरक किसानों को मिल रहा है, हालांकि खरीदारों में परेशानी देखी जा रही है. किसान बढ़े दाम से कितने खुश हैं, इसे जानने के लिए उस वायरल वीडियो को देख सकते हैं जिसे महाराष्ट्र का बताया जा रहा है. इस वीडियो में अदरक किसानों को खुशी से नाचते हुए देखा जा रहा है. महाराष्ट्र का जालना इलाका अदरक की खेती के लिए मशहूर है. यहां बेमौसमी बारिश से अदरक की फसल को भारी नुकसान हुआ है जिससे बाजार में इसके दाम तेजी से बढ़े हैं. लगभग सभी राज्यों में यही हाल है. उधर, बंगाल में अदरक के दाम इसलिए बढ़े हैं क्योंकि मणिपुर हिंसा का असर देखा जा रहा है.
देश में अदरक के दाम का हाल ये है कि पहले कीमत जहां 2,000 रुपये से 5,000 रुपये होती थी, वहीं आज 12,000 से 15,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है. इसमें भी एक खास खबर मणिपुर से आ रही है. मणिपुर में अशांति के कारण बंगाल के बाजारों में अदरक की कीमतें बढ़ रही हैं. बाजार में 40 टके की अदरक 300 टके किलो बिक रही है. मणिपुर में अशांति के कारण बंगाल के बाजार में अदरक की कीमतें बढ़ रही हैं. अदरक फुटकर बाजार में 300 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. रातोंरात इस अदरक की कीमत में हो रही बढ़ोतरी लोगों को परेशान कर रही है. इससे निर्यात बाजार भी प्रभावित हुआ है.
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वैसे तो आलू और प्याज की कीमत साल भर में अकसर बढ़ जाती है, लेकिन अदरक की कीमत में कोई असामान्य बदलाव नहीं होता है. मालदा के अदरक विक्रेता नीरेन साहा ने कहा कि बाजार में अदरक की आपूर्ति कम है. अदरक की नई उपज अभी बाजार में नहीं आई है, इसलिए कीमत दोगुनी हो गई है. मालदा व्यापार संघ के महासचिव उत्तम बसाक ने कहा कि अदरक के दाम असामान्य रूप से बढ़े हैं. कीमतों पर नियंत्रण के लिए व्यापारियों से चर्चा की जाएगी. मूल रूप से इस जिले में अदरक का अधिक उत्पादन नहीं होता है. इसे दूसरे राज्यों यानी नॉर्थ ईस्ट इंडिया या साउथ इंडिया से लाना पड़ता है. दक्षिण भारत का अदरक तीन महीने से नहीं आ रहा है. इसके अलावा मणिपुर में अशांति के कारण अदरक की आपूर्ति घट गई है.
मालदा के एक निर्यातक उज्जल साहा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अदरक मुख्य रूप से उत्तर पूर्व भारत और दक्षिण भारत से आता है. अभी कर्नाटक चुनाव भी चल रहा था. दूसरी ओर, पूर्वोत्तर भारत में मणिपुर में अशांति के कारण पश्चिम बंगाल में कोई ढुलाई का वाहन नहीं आ रहा है. इसलिए बाजार में आपूर्ति बहुत कम है. आपूर्ति कम और मांग में तेजी होने से अदरक के भाव में उछाल देखा जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अदरक की खेती स्थानीय स्तर पर होती है. मालदा जिले में अदरक का उत्पादन बढ़ाने के लिए अदरक को वैकल्पिक खेती के रूप में आम के बागों में उगाने की योजना है. लेकिन अभी यह शुरू नहीं हो पाई है.
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अदरक के बढ़े दाम के बारे में जिला खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारी सामंत लायेक ने बताया कि केवल 262 हेक्टेयर जमीन पर अदरक की खेती होती है. मालदा जिले में करीब तीन हजार मीट्रिक टन अदरक का उत्पादन होता है. अदरक उगाने का यह सही समय है. इस अदरक की खेती आम के पेड़ों की छाया में करने की पहल की गई है. आशा है यह योजना फलीभूत होगी और अदरक की खेती शुरू होगी. बहरहाल, अदरक की सप्लाई जब तक दुरुस्त नहीं हो जाती, तब तक लोगों को बढ़ी कीमतों से जूझना पड़ेगा.
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