प्याज निर्यात पर रोक लगाए जाने के बाद महाराष्ट्र की मंडियों में आवक बढ़ गई है. आवक बढ़ने के बाद दाम काफी घट गया है. राज्य में खरीफ सीजन का प्याज निकलना शुरू हो गया है और इधर मंडियों में दाम कम हो गया है. इसकी वजह से किसानों को नुकसान हो रहा है, जिससे वो परेशान हैं. मंडियों में इस समय न्यूनतम दाम 200 से लेकर अधिकतम 3600 रुपये क्विंटल तक है. औसत दाम लगभग 2000 रुपये ही रह गया है. एक्सपोर्ट से पहले न्यूनतम दाम भी 1000 रुपये तक था. ज्यादातर मंडियों में अब प्याज का न्यूनतम दाम 500 रुपये तक रह गया है.
निर्यात पर रोक की वजह से जहां केंद्र सरकार पहले ही किसानों को झटका दे चुकी है, वहीं अब प्याज की बढ़ती आवक के कारण सोलापुर बाजार समिति ने भी किसानों को नुकसान करने वाला फैसला लिया. समिति ने नीलामी के तरीकों में बदलाव कर दिया. किसानों का कहना है कि बढ़ती आवक के समाधान का अन्य विकल्प ढूंढने की बजाय क्या सीधी नीलामी बंद करना सही है. किसानों का आरोप है कि यह फैसला सीधे तौर पर व्यावसायिक हित में है.
मंडी समिति परिसर में प्याज की नीलामी के लिए पांच बड़े सेल हॉल हैं. लेकिन आवक बढ़ने से ये भर गए हैं. अब सड़कों परऔर भुसार मंडी में भी प्याज उतारी जा रही है. आवक बढ़ने के कारण बाजार समिति में एक दिन में लोडिंग-अनलोडिंग संभव नहीं है. इसी वजह से पिछले कुछ दिनों से मंडी समिति द्वारा रोजाना की बजाय हर दूसरे दिन प्याज की नीलामी की जा रही है. किसान रोजाना नीलामी करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि रोजाना लोडिंग-अनलोडिंग की व्यवस्था करना मंडी प्रबंधन की जिम्मेदारी है.
नीलामी लगातार न होने की वजह से किसानों को असुविधा होती है. दो दिन बाद नीलामी होने पर मंडियों में प्याज ज्यादा रहता है. व्यापारी और खरीदार इस बढ़ती आमद का फायदा उठाते हैं और सीधे दरों में कमी लाते हैं. किसानों का कहना है कि अब सोचने का समय आ गया है कि बाजार समिति के इस फैसले से किसका भला होने वाला है.
पिछले हफ्ते प्याज पर निर्यात प्रतिबंध का फैसला हुआ और बाजार समिति में आवक में भारी बढ़ोतरी हो गई. इसके बाद से नीलामी एक दिन के अंतर पर होने लगी. इसकी वजह से प्याज के दाम में करीब एक हजार रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ गई. सोलापुर मार्केट कमेटी के प्रभारी सचिव दत्तात्रेय सूर्यवंशी का कहना है कि जैसे-जैसे आवक बढ़ रही है, बाजार समिति में गाड़ियों में माल उतारने-चढ़ाने के लिए जगह नहीं बची है. इसलिए नियमित नीलामी नहीं हो रही है. जल्दी ही हम प्याज की नियमित रूप से नीलामी जारी करेंगे.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today