scorecardresearch
योगी सरकार ने किसानों के लिए बिजली बिल किया जीरो, ट्यूबवेल से मुफ्त सिंचाई की हुई घोषणा, होली की दी सौगात

योगी सरकार ने किसानों के लिए बिजली बिल किया जीरो, ट्यूबवेल से मुफ्त सिंचाई की हुई घोषणा, होली की दी सौगात

उत्तर प्रदेश के किसानों को ट्यूबवेल के लिए बिजली इस्तेमाल करने पर बिल नहीं चुकाना पड़ेगा. यूपी कैबिनेट ने किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही राज्य के 1.50 करोड़ से ज्यादा किसानों को लाभ मिलेगा. 

advertisement
किसानों को ट्यूबवेल के लिए बिजली मुफ्त देने की घोषणा. किसानों को ट्यूबवेल के लिए बिजली मुफ्त देने की घोषणा.

उत्तर प्रदेश के किसानों को ट्यूबवेल के लिए बिजली इस्तेमाल करने पर बिल नहीं चुकाना पड़ेगा. यूपी कैबिनेट ने किसानों को ट्यूबवेल से सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही राज्य के 1.50 करोड़ से अधिक किसानों के लिए होली से पहले यह बड़ी सौगात बन गई है. योगी सरकार ने बीते माह पेश किए गए अपने बजट में किसानों को मुफ्त सिंचाई के लिए 1100 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की है.  

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार 5 मार्च को कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक की, जिसके बाद किसानों और जनता के हित में कई फैसले लिए गए हैं. लखनऊ कैबिनेट मीटिंग में राज्य के किसानों के लिए ट्यूबवेल को मुफ्त बिजली का प्रस्ताव पास कर दिया गया है. मुफ्त बिजली का प्रस्ताव योगी सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा है. बता दें कि बीजेपी ने 2022 के संकल्प पत्र में ट्यूबवेल के लिए मुफ्त बिजली देने का वायदा किया था, जिसे अब योगी सरकार ने पूरा कर दिया है.

14.78 लाख ग्रामीण और शहरी नलकूपों पर लागू होगा निर्णय 

कैबिनेट की बैठक के बाद लोकभवन में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने इस प्रस्ताव के अनुमोदन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनावों के दौरान घोषणा की थी कि किसानों को उनके निजी नलकूपों पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी. उसी घोषणा के अनुरूप मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को अपना वादा निभाते हुए छूट से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है. उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 14 लाख 73 हजार ग्रामीण नलकूप हैं, जबकि 5,188 शहरी नलकूप हैं. उन्होंने बताया कि हमारे ही कार्यकाल में लगभग 200 ग्राम पंचायतों को हमने नगर ग्राम पंचायतों में बदल दिया है, इसलिए हमने शहरी और ग्रामीण का फर्क खत्म करके इसे मर्ज कर दिया है. इस तरह दोनों ही प्रकार के कुल 14 लाख 78 हजार नलकूपों पर किसानों को बिजली बिल पर छूट का लाभ मिलेगा.

प्रदेश के 6-7 करोड़ लोग होंगे लाभान्वित 

एके शर्मा ने बताया कि मेरे पास खुद भी ट्यूबवेल है और इसी आधार पर हम कह सकते हैं कि एक ट्यूबवेल से 8 से 10 किसान लाभान्वित होते हैं, जिसके खेत तक पानी पहुंचता है. इस तरह लगभग लगभग डेढ़ करोड़ किसानों को इस योजना से लाभ होने वाला है. प्रति किसान यदि 5 सदस्यों के परिवार की गणना करें तो लगभग 6-7 करोड़ लोग इस योजना से लाभान्वित हो सकेंगे. उन्होंने बताया कि प्रस्ताव के तहत किसानों को 100 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया गया है. किसानों को अब एक अप्रैल 2023 से कोई बिल देने की आवश्यकता नहीं होगी. इसके पहले का यदि कोई बकाया है तो उसके लिए हम ब्याज रहित योजना लेकर आएंगे और उसका भी क्रियान्वयन आने वाले दिनों में किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 2023-24 में मुख्यमंत्री जी ने इस योजना के लिए 2400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. इसी प्रकार 2024-25 के बजट में भी इसके लिए 1800 करोड़ का प्रावधान किया गया है. हमारे पास धन भी है और सारी व्यवस्थाएं भी जिससे हम किसानों को लाभान्वित कर सकेंगे. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ ही कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भी किसानों के हित को देखते हुए लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए सीएम योगी का आभार जताया है.

अनपरा में 800 मेगावाट की दो यूनिट को मंजूरी 

योगी सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लेते हुए अनपरा में एनटीपीसी की मदद से 800 मेगावाट की दो इकाइयां लगाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 2023 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में एनटीपीसी के साथ दो बड़े एमओयू किए गए थे. इसमें ओबरा डी में 800 मेगावाट की दो इकाइयां लगाने के प्रस्ताव को पिछले वर्ष ही मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है और अब अनपरा में भी 800 मेगावाट के दो प्लांट एनटीपीसी की मदद से लगाए जाएंगे. राज्य सरकार और एनटीपीसी के बीच 50-50 प्रतिशत की सहभागिता के साथ यह प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा. इस प्रोजेक्ट की कुल कीमत 8624 करोड़ रुपए है और इसकी पहली यूनिट लगभग 50 महीनों में तैयार हो जाएगी, जबकि दूसरी यूनिट 56 महीने में क्रियान्वित हो जाएगी. इसमें 30 प्रतिशत इक्विटी होगी जो राज्य सरकार और एनटीपीसी आपस में वहन करेंगे, जबकि 70 प्रतिशत ऋण लेकर इसको क्रियान्वित किया जाएगा. कोयले की खदान एनसीएल से लिया जाएगा, जो नजदीक में है. इससे सस्ती बिजली मिलने का रास्ता साफ होगा. 

ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी को भी मिली मंजूरी 

सरकार ने प्रदेश में इनवायरमेंट फ्रेंडली एनर्जी के प्रोडक्शन की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी को मंजूरी दी है. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन के रूप में बड़े कारखाने जैसे फर्टिलाइजर प्लांट, पेट्रोकेमिकल प्लांट और स्टील प्लांट में होता है. अभी तक हाइड्रोजन पैदा करने की जो तकनीक थी वो बिजली या गैस के सहारे होती थी, जिसे ग्रे हाइड्रोजन कहा जाता है. ग्रे हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन में परिवर्तित करने की दिशा में बहुत बड़ा काम शुरू हुआ है. पॉलिसी में आने वाले 4 साल यानी 2028 तक प्रतिवर्ष एक मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने बताया कि नीति की समयावधि 5 वर्ष रखी गई है. समयावधि में जो उद्योग यहां आएंगे उन्हें 5 हजार 45 करोड़ रुपए सब्सिडी व अन्य राहतों के रूप में प्रदान किए जाएंगे. ऐसे उद्योगों को 10 से 30 प्रतिशत तक कैपिटल एक्सपेंडीचर पर सब्सिडी देंगे. पहले 5 उद्योगों को 40 प्रतिशत तक छूट प्रदान करेंगे. इसके तहत एनर्जी बैंकिंग का भी प्रावधान कर रहे हैं. इंट्रास्टेट बिजली भेजने पर जो चार्जेस लगते हैं उस पर 100 प्रतिशत तक छूट देंगे. अन्य राज्यों में भेजने या मंगाने पर भी 100 प्रतिशत तक बिलिंग और ट्रांसमिशन चार्जेस में छूट मिलेगी. साथ ही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में भी 100 प्रतिशत छूट का प्राविधान किया गया है.

एससीआर गठन के अध्यादेश को भी मिली मंजूरी  

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र एवं अन्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरणों के गठन अध्यादेश से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की है। काफी समय से नागरिकों की सुविधा की दृष्टि ये आवश्यकता महसूस की जा रही थी कि जो राज्य राजधानी क्षेत्र हैं खासतौर पर बाराबंकी, रायबरेली, हरदोई, सीतापुर और उन्नाव  सहित वो जिले जो लखनऊ के पड़ोसी हैं वहां अनियोजित विकास न हो। इसका उद्देश्य ये है कि दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर यहां नियोजित विकास किया जा सके। इस अध्यादेश के तहत सभी प्राधिकरणों के कोऑपरेशन और कोऑर्डिनेशन से विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा। किसी प्राधिकरण का मर्जर नहीं होगा, सभी का अस्तित्व बरकरार रहेगा।

लखनऊ मेट्रो के फेज-1बी का होगा शुभारंभ 

योगी सरकार ने लखनऊ मेट्रो के फेज-1बी ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दिखा दी है. इसके तहत चारबाग से वसंतकुंज तक कुल 11.865 किमी. मेट्रो संचालित की जाएगी. वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इसके माध्यम से योगी सरकार लखनऊ में आवागमन को और सुगम व सुविधाजनक बनाएगी. इस पर लगभग 5801 करोड़ रुपए की लागत आएगी, जबकि इसको 30 जून 2027 तक इसको पूर्ण किए जाने की अवधि निर्धारित की गई है. उन्होंने बताया कि इसके तहत कुल 12 स्टेशन निर्धारित हैं, जिसमें 5 एलीवेटेड और 7 भूमिगत होंगे. इसमें 4.286 किमी. एलीवेटेड और 6.879 किमी. भूमिगत लाइन होगी.

ये भी पढ़ें -