पपीते की खेती से किसान कर सकते हैं अच्छाई कमाई,जानिए इसकी खेती के बारे में सबकुछ 

पपीते की खेती से किसान कर सकते हैं अच्छाई कमाई,जानिए इसकी खेती के बारे में सबकुछ 

किसान बागवानी से कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा उसमे भी अगर पपीते की खेती करते हैं तो कम लागत के साथ अधिक मुनाफा ले सकते हैं. जानिए इसकी खेती के लिए कैसी होनी चाहिए उन्नत किस्म और मिट्टी. 

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पपीते की खेती से किसान कर सकते हैं अच्छाई कमाई,जानिए इसकी खेती के बारे में सबकुछ पपीते की खेती से किसान कर सकते हैं मोटी कमाई

भारत, ब्राजील, इंडोनेशिया, नाइजीरिया और मैक्सिको पपीता उत्पादन में सबसे बड़े उत्पादक राष्ट्र हैं. पपीता जल्द तैयार होने वाली फसल है.इसका फायद यह है कि एक बार लगाने में दो बार फल लगते हैं. पपीता फल कच्चा और पकाकर दोनों तरीके से उपयोग में लाया जाता है. भारत में अधिकांश हिस्सों में इसकी खेती की जाती है.पपीते में भरपूर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है. जिन लोगों को अपच की समस्या है उनके लिए तो पपीता रामबाण इलाज है. इसके सेवन से अपच की समस्या खत्म हो जाती है. पपीता का बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है ऐसे में इसकी उन्नत तरीके की खेती की जाए तो कम लागत पर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. 

बता दें कि आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, असम, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर, उत्तरांचल और मिज़ोरम में इसकी खेती सबसे ज्यादा की जाती है.

कैसी होनी चाहिए जलवायु 

पपीते की अच्छी खेती गर्म नमी युक्त जलवायु में की जा सकती है. इसे अधिकतम 38 डिग्री सेल्सियस 44 डिग्री सेल्सियस तक तापमान होने पर उगाया जा सकता है, न्यूनतम 5 डिग्री सेल्सियस से कम नही होना चाहिए लू तथा पाले से पपीते को बहुत नुकसान होता है. पपीता बहुत ही जल्दी बढऩे वाला पेड़ है. साधारण ज़मीन, थोड़ी गर्मी और अच्छी धूप मिले तो यह पेड़ अच्छा पनपता है, पर इसे अधिक पानी या ज़मीन में क्षार की ज़्यादा मात्रा रास नहीं आता है. वहीं पपीता की खेती के लिए 6.5-7.5 पी. एच मान वाली हल्की दोमट या दोमट मिट्टी जिसमें जलनिकास अच्छा हो सर्वाधिक उपयुक्त होती है.

पपीते की अच्छी किस्में 

पूसा डोलसियरा,पूसा मेजेस्टी,'रेड लेडी 786'

पपीते के रोपण 

आपने जो खेत में 2 *2 मीटर की दूरी पर 50*50*50 सेंटीमीटर आकार के गड्ढे खोदें थे उन्हें 15 दिनों के लिए खुले छोड़ दें ताकि ताकि गड्ढों को अच्छी तरह धूप लग जाए और हानिकारक कीड़े - मकोड़े व रोगाणु आदि नष्ट हो जाएं. इसके बाद पौधे का रोपण करना चाहिए.पौधे लगाने के बाद गड्ढे को मिट्टी और गोबर की खाद 50 ग्राम एल्ड्रिन मिलाकर इस प्रकार भरना चाहिए कि वह जमीन से 10-15 सेंटीमीटर ऊंचा रहे. गड्ढे की भराई के बाद सिंचाई कर देनी चाहिए, जिससे मिट्टी अच्छी तरह बैठ जाए.पौधे लगाते समय इस बात का ध्यान रखते हैं कि गड्ढे को ढक देना चाहिए जिससे पानी तने से न लगे. 

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कब करना चाहिए सिंचाई

पपीते के अच्छे उत्पादन के लिए सिंचाई का सही इंतजाम बेहद जरूरी है. गर्मियों में 6-7 दिनों के अंदर पर और सर्दियों में 10-12 दिनों के अंदर सिंचाई करनी चाहिए. बारिश के मौसम में जब लंबे समय तक बरसात न हो, तो सिंचाई की जरूरत पड़ती है। पानी को तने के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए. इसके लिए तने के पास चारों ओर मिट्‌टी चढ़ा देनी चाहिए.

कितना हो सकता हैं मुनाफा 

 पपीते की प्रति हेक्टेयर राष्ट्रीय स्तर पर उत्पादकता 317 क्विंटल / हेक्टेयर है. पपीते का एक स्वस्थ पेड़ आपको एक सीजन में करीब 40 किलो तक फल देता है.यदि आप दो पड़ों के बीच करीब 6 फिट का गैप रख सकते हैं और इस हिसाब से आप एक हेक्टेयर में करीब 2250 पेड़ तैयार कर सकते हैं. इस हिसाब से आप एक सीजन में एक हेक्टेयर पपीते की फसल से 900 क्विंटल पपीता पैदा कर सकते हैं. 

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