खाद्य तेलों के आयात में बड़ी गिरावट, पाम ऑयल की खरीद में आई कमी का दिखा असर

खाद्य तेलों के आयात में बड़ी गिरावट, पाम ऑयल की खरीद में आई कमी का दिखा असर

नवंबर-फरवरी (2024-25 तेल सीजन) के दौरान, पाम ऑयल का आयात 34 परसेंट घटकर 1.99 मीट्रिक टन रह गया, जो नवंबर-फरवरी 2023-24 की अवधि में 3.03 मीट्रिक टन था. इसी अवधि के दौरान सॉफ्ट ऑयल जैसे सोयाबीन और सूरजमुखी का आयात पिछले तेल सीजन के 1.57 मीट्रिक टन से 70 परसेंट बढ़कर 2.67 मीट्रिक टन हो गया.

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खाद्य तेलों के आयात में बड़ी गिरावट, पाम ऑयल की खरीद में आई कमी का दिखा असरदेश में पाम तेल का आयात घटा

भारत में खाद्य तेलों के आयात में गिरावट आई है. मई 2020 के बाद इस साल फरवरी में पहली बार तेलों के आयात में इतनी बड़ी गिरावट है. आयात में कुल 8 फीसद की गिरावट है और मात्रा में यह आंकड़ा 8.9 लाख टन का है. यह गिरावट इसलिए है क्योंकि पाम तेल के आयात में बड़ी कमी दर्ज की गई है.

हालांकि, तेल सीजन 2024-25 (नवंबर-फरवरी) के पहले चार महीनों में खाद्य तेल का आयात बढ़कर 4.8 मीट्रिक टन हो गया, जो पिछले तेल सीजन - 2023-24 की इसी अवधि की तुलना में 4 फीसद अधिक है. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

पाम तेल का आयात घटा

1 नवंबर, 2024 को चालू तेल सीजन की शुरुआत में ही देश में स्टॉक अधिक जमा होने के कारण आयात में गिरावट को कम किया गया है. हालांकि, 1 मार्च को स्टॉक घटकर 1.87 मीट्रिक टन रह गया. अब एसईए ने नई खरीद में तेजी आने की उम्मीद जताई है, विशेष रूप से पाम तेल की खरीद.

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SEA ने यह भी बताया है कि बिना इंपोर्ट ड्यूटी के मौके का लाभ उठाते हुए नेपाल से भारत को रिफाइंड सोयाबीन तेल का निर्यात बढ़ा है. इसी तरह, नेपाल और श्रीलंका से भारत को खाद्य तेलों का निर्यात भी हाल ही में बढ़ा है. पिछले कुछ हफ्तों में, भारतीय बाजार में कच्चे पाम तेल की कीमतों में थोड़ी मजबूती आई है. खाद्य तेलों के एक प्रोसेसर ने 'फाइनेंशियल एक्सप्रेस' से कहा, "निकट भविष्य में भारतीय पाम तेल का आयात सीमित हो सकता है."

खाद्य तेलों के आयात में गिरावट

नवंबर-फरवरी (2024-25 तेल सीजन) के दौरान, पाम ऑयल का आयात 34 परसेंट घटकर 1.99 मीट्रिक टन रह गया, जो नवंबर-फरवरी 2023-24 की अवधि में 3.03 मीट्रिक टन था. इसी अवधि के दौरान सॉफ्ट ऑयल जैसे सोयाबीन और सूरजमुखी का आयात पिछले तेल सीजन के 1.57 मीट्रिक टन से 70 परसेंट बढ़कर 2.67 मीट्रिक टन हो गया.

इसी प्रकार, कुल खाद्य तेलों के आयात में पाम की हिस्सेदारी 66 फीसद से घटकर 43 फीसद हो गई, जबकि कुल आयात में सॉफ्ट ऑयल की हिस्सेदारी 34 परसेंट से बढ़कर 57 परसेंट हो गई. 

2024-25 के तेल सीजन में वनस्पति तेल की खपत में वृद्धि धीमी होने की उम्मीद है. इस एसईए ने कहा है कि "पाम तेल की अधिक कीमतों ने हाल के महीनों में आयात और खपत दोनों को कम कर दिया है, जिससे सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल की खपत में तेज वृद्धि हुई है." 

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घरेलू तिलहन उत्पादन में वृद्धि, तेल की उच्च कीमतों और मांग में गिरावट के कारण 2023-24 तेल सीजन में खाद्य तेल का आयात पिछले तेल सीजन की तुलना में 3 परसेंट की मामूली गिरावट के साथ 15.96 मीट्रिक टन रह गया. भारत अपने खाद्य तेलों का लगभग 58 परसेंट आयात करता है - लगभग 25 मीट्रिक टन की खपत सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की होती है. भारत मुख्य रूप से मलेशिया और इंडोनेशिया से कच्चे पाम तेल का आयात करता है जबकि सोयाबीन और सूरजमुखी तेल अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से आयात किए जाते हैं.

 

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