हरियाणा के चरखी दादरी में हाल ही में हुई ओलावृष्टि से रबी फसलें बर्बाद हुई हैं. इसके बाद किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. अभी तक मुआवजा नहीं मिलने से किसानों में रोष बना हुआ है. भड़के किसानों ने गांव हंसावास कलां में एकजुट होते हुए सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया और हिसार-नारनौल मुख्य सड़क मार्ग पर जाम लगाकर मुआवजे की मांग की. किसानों ने जल्द उनकी मांग पूरी नहीं करने पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने की चेतावनी भी दी है.
बता दें कि बीते शुक्रवार रात को चरखी दादरी जिले के कई गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से फसलों को काफी नुकसान हुआ. इसके अलावा बारिश के साथ अंधड़ आने से भी गेहूं, सरसों के अलावा सब्जियों की फसलें जमीन पर लेटने से काफी नुकसान हुआ. प्रभावित किसान और किसान संगठनों के लोग लगातार नुकसान की भरपाई के लिए स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
रोड जाम के दौरान किसान पूर्व सरपंच दिनेश, राजबीर नंबरदार, जयसिंह, सत्यवान आदि ने कहा कि ओलावृष्टि से उनकी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं. लेकिन विभाग द्वारा नुकसान की रिपोर्ट तैयार की गई है उसमें नुकसान कम दर्शाया गया है.
ये भी पढ़ें: कमजोर मांग से कपास कीमतें MSP से नीचे खिसकीं, किसानों को नुकसान से बचाने के लिए खरीद जारी रखेगा CCI
उन्होंने कहा कि जल्द स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए. किसानों ने अधिकारियों पर भी आंकड़ों में हेराफेरी के आरोप लगाए. किसानों ने कहा कि स्थानीय विधायक, सांसद और विभाग के अधिकारी उनके गांव में मौके का निरीक्षण करें और उसके बाद रिपोर्ट तैयार करें ताकि वास्तविक नुकसान का पता चल सके. किसानों ने कहा कि जल्द उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो वे गांव के बस अड्डे पर टेंट लगा कर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे और दोबारा से रोड जाम करेंगे. यदि फिर भी उनकी मांग पर संज्ञान नहीं लिया गया तो महापंचायत बुलाकर बड़े आंदोलन की शुरुआत करेंगे.
किसान राजबीर नंबरदार ने कहा कि किसान आज ओलावृष्टि की मार के कारण विरोध में उतरे हैं. यहां पटवारी ने गिरदावरी और सर्वे किया है. इस बड़ी घटना के बावजूद इस इलाके में कोई सरकारी कर्मचारी, विधायक या सांसद नहीं आया जबकि सबसे ज्यादा नुकसान हंसावास कलां गांव में 100 परसेंट हुआ है. कोई भी फसल ऐसी नहीं है जिसमें एक दाना बचा हो. सरकार और प्रशासन से यही मांग है कि जल्द से जल्द गिरदावरी की जाए और किसान को कम से कम 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए.
ये भी पढ़ें: तापमान में हुई बढ़ोतरी का केले की खेती पर असर, बड़े इलाके में बर्बाद हुई फसल
किसान और पूर्व सरपंच दिनेश ने कहा कि हंसावास गांव में किसी किसान की फसल नहीं बची है. उन्होंने कहा, सांसद उस गांव का दौरा कर रहे हैं जहां ओलावृष्टि से कोई नुकसान नहीं है. यहां 80 परसेंट से अधिक फसलों का नुकसान है, लेकिन न तो तहसीलदार ने दौरा किया और न किसी और नेता ने. पूरे गांव के लोग मांग करते हैं कि 80 परसेंट से ऊपर की स्पेशल गिरदावरी हो और मुआवजा मिले. वरना पूरा गांव सड़कों पर धरना देगा. इसके लिए प्रशासन को दो दिन का अल्टीमेटम देते हैं. किसानों ने मांग की है कि तहसीलदार, एसडीएम, विधायक और सांसद इस गांव का दौरा करें और फसलों की स्थिति देखें.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today