Garlic Farming: अक्टूबर महीने में करें लहसुन की इन पांच किस्मों की खेती, इनकम होगी भरपूर

Garlic Farming: अक्टूबर महीने में करें लहसुन की इन पांच किस्मों की खेती, इनकम होगी भरपूर

अक्टूबर का महीना लहसुन की खेती करने के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है. अगर आप भी लहसुन की खेती करना चाहते हैं तो सही किस्मों का चयन कर अच्छा उत्पादन और मुनाफा दोनों कमा सकते हैं. जानिए लहसुन की ऐसी ही पांच किस्मों के बारे में जिनकी खेती से किसानों को अच्छा लाभ मिलेगा.

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Garlic Farming: अक्टूबर महीने में करें लहसुन की इन पांच किस्मों की खेती, इनकम होगी भरपूरअक्टूबर महीने में करें लहसुन की इन पांच किस्मों की खेती

लहसुन एक कंद वाली मसाला फसल है. इसमें एलिसिन नामक तत्व पाया जाता है जिसके कारण इसका एक खास गंध और थोड़ा तीखा स्वाद होता है. लहसुन में कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं. इसका इस्तेमाल गले और पेट संबंधी समस्याओं में किया जाता है. लहसुन का उपयोग लोग अचार, चटनी और मसाला बनाने में करते हैं. वहीं इसका उपयोग इसकी सुगंध और स्वाद के कारण लगभग हर प्रकार की सब्जियों और मांस के विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है.

लहसुन का सेवन हाई ब्लड प्रेशर, पेट संबंधी समस्या, कैंसर और गठिया की बीमारी, नपुंसकता और खून संबंधी बीमारी वालों के लिए बेहद फायदेमंद होता है. लहसुन की खेती भारत के सभी राज्यों में होती है. 

इन किस्मों की करें खेती

अगर आप किसान हैं और इस अक्टूबर महीने में किसी फसल की खेती करना चाहते हैं तो यह काम जल्दी कर सकते हैं. आप लहसुन की कुछ उन्नत किस्मों की खेती कर सकते हैं. इन उन्नत किस्मों में यमुना सफेद 2 (जी-50), टाइप 56-4, सोलन, जी 282 और एग्रीफाउंड सफेद (जी-41) किस्में शामिल हैं. इन किस्मों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

यमुना सफेद 2 (जी-50) 

लहसुन की ये किस्म 165 से 170 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म से 130 से 140  क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त होती है. यह किस्म का कंद काफी ठोस होता है. वहीं गूदा क्रीमी रंग का होता है. किसानों के बीच यहा किस्म काफी लोकप्रिय है. 

टाइप 56-4 किस्म

लहसुन की इस उन्नत किस्म को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित किया था. इसकी गांठें सफेद और आकार में छोटी होती हैं. इस किस्म की प्रत्येक गांठ में से 25 से 34 कलियां निकलती हैं. इससे प्रति हेक्टेयर 150 से 200 क्विंटल तक की उपज ली जा सकती है. 

जी 282 किस्म 

जी 282 किस्म  की गांठें आकार में बड़ी होती हैं. वहीं इसका रंग सफेद होता है. इसकी फसल 140 से 150 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है. इससे प्रति हेक्टेयर 175 से 200 क्विंटल की उपज ली जा सकती है. 

सोलन किस्म

लहसुन की इस किस्म का विकास हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय की ओर से किया गया है. इस किस्म में पौधों की पत्तियां काफी चौड़ी और लंबी होती हैं और रंग गहरा होता है. इसमें प्रत्येक गांठ में चार ही पत्तियां होती हैं और काफी मोटी होती हैं. अन्य किस्मों की तुलना में यह अधिक उपज देने वाली किस्म है. 

एग्रीफाउंड सफेद (जी-41)

इस किस्म के कंद ठोस, मध्यम आकार के सफेद और गूदा क्रीमी रंग का होता है. इसके प्रत्येक कंद में कलियों की संख्या 20 से 25 होती है. इस किस्म की फसल 160-165 दिन में तैयार हो जाती है. वहीं इस किस्म की प्रति हेक्टेयर औसत उपज 125-130 क्विंटल प्राप्त होती है. ये किस्म बैंगनी धब्बा और झुलसा रोग से लड़ने में सक्षम होती है.

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