फरवरी में करें इन 3 सब्जियों की खेती, बेहतर पैदावार के लिए इन बातों का भी रखें ध्यान

फरवरी में करें इन 3 सब्जियों की खेती, बेहतर पैदावार के लिए इन बातों का भी रखें ध्यान

हम सब खेती के तीन मुख्य सीजन के बारे में जानते हैं, जिसमें रबी, खरीफ और जायद सीजन होते हैं. वहीं फरवरी महीने से जायद की फसलों की बुवाई का समय शुरू हो जाता है. इन फसलों की बुवाई मार्च तक चलती है. ऐसे में आज हम आपको फरवरी में होने वाली तीन सब्जियों की खेती के बारे में बताएंगे.

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फरवरी में करें इन 3 सब्जियों की खेती, बेहतर पैदावार के लिए इन बातों का भी रखें ध्यानसब्जियों की खेती

मौजूदा समय में खेती के काम को व्यवसाय की दृष्टि से देखा जाने लगा है. ऐसे में किसान भी बाजार की मांग और उससे होने वाले मुनाफे को देखकर फसलों की खेती करने लगे हैं, जिससे उनकी कमाई बेहतर हो सके. इसके लिए किसानों को इस बात की जानकारी होना बेहद जरूरी है कि किस महीने में कौन सी फसल की खेती करनी चाहिए. वहीं, भारत में अलग-अलग मौसम के हिसाब से सब्जियों की मांग हमेशा बनी रहती है. साथ ही सब्जियों की बुआई आमतौर पर साल में लगभग 3 बार की जाती है.

पहली बुआई फरवरी महीने में होती है. दूसरी बुआई जून से अगस्त के बीच और तीसरी बुआई सर्दियों के आने के साथ यानी नवंबर से दिसंबर में होती है. ऐसे में आज हम आपको फरवरी महीने में उगाई जाने वाली तीन सब्जियों के बारे में बताएंगे, जिसकी खेती कर किसान बड़े पैमाने में लाभ कमा सकते हैं. इसके अलावा खेती करने के साथ-साथ इस महीने किन विशेष बातों का ध्यान रखना होता है ये भी बताएंगे.  

इन तीन सब्जियों की करें खेती

खीरे की खेती: खीरे की खेती फरवरी से लेकर मार्च तक की जाती है. इसके लिए जल निकासी वाली दोमट और बलुई दोमट मिट्टी उत्तम मानी जाती है. वहीं, खीरे की बुवाई के समय प्रत्येक गड्ढे में 3 से 4 बीज लगाने चाहिए. जब बीज अंकुरित होकर बाहर आ जाएं तो दो छोड़कर बाकियों को उखाड़ देना चाहिए. इसके बाद खेतों में 60 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से गोबर और खाद का छिड़काव कर देना चाहिए. ध्यान रहे कि इसका पहला छिड़काव बुवाई के समय फिर पत्तियां आने पर और अंतिम छिड़काव फूल आने पर करें.

खरबूजे की खेती: खरबूजे की खेती अनेक प्रकार की मिट्टी में आसानी से की जा सकती है. लेकिन अच्छी फसल के लिए बलुई दोमट मिट्टी बेस्ट होती है. खरबूजे की बुवाई के लिए खेत की तैयारी के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से और 2 से 3 जुताई कल्टीवेटर से करनी चाहिए. वहीं, प्रत्येक जुताई के बाद पाटा चलाकर मिट्टी को भुरभुरा कर लें. फिर आखिरी जुताई के समय ही खेत में 200 से 250 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद को अच्छी प्रकार मिला लें और बीज की बुवाई करें.  

ककड़ी की खेती: यदि आप ककड़ी की खेती करना चाहते हैं तो इसके लिए बलुई दोमट मिट्टी भी काफी बेहतर मानी जाती है. ककड़ी की खेती करने के लिए जमीन जल निकासी वाली होनी बेहद जरूरी है. जल भराव वाली जमीन में ककड़ी की खेती न करें. वहीं, खेती से सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करें. इसके बाद उसमें 12 से 15 गाड़ी पुरानी गोबर की खाद को प्रति हेक्टेयर के हिसाब डालें. फिर जब खेत तैयार हो जाए तो बीज की बुवाई कर दें.

खेती के लिए इन बातों का रखें ध्यान

फरवरी के महीने में किसानों को सब्जियों की खेती करने के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, जैसे सब्जियों की खेती पंक्तियों में और दूरी बनाकर करना चाहिए. वहीं, पौधों की ग्रोथ के लिए सही मात्रा में खाद और आवश्यक पोषक तत्वों का छिड़काव करना चाहिए. इसके साथ-साथ सबसे जरूरी है कि फरवरी में उगाई जाने वाली सब्जियों को सबसे अधिक पानी की जरूरत होती है.

दरअसल फरवरी के तुरंत बाद से ही देश की अधिकांश जगहों में गर्मी पड़ने लगती है, जिसके बाद पौधों को पकने तक भरपूर मात्रा में पानी की जरूरत होती है. साथ ही खेत में उगे घास फूस की सफाई करते रहना बहुत जरूरी होता है. इन सभी बुनियादी बातों को ध्यान में रखकर यदि आप फरवरी के महीने में सब्जियां उगाते हैं, तो निश्चित रूप से आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

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