scorecardresearch
Cotton Price: वैश्विक बाजार में कपास की कीमतों में तेजी जारी, किसानों पर कैसे पड़ेगा असर?

Cotton Price: वैश्विक बाजार में कपास की कीमतों में तेजी जारी, किसानों पर कैसे पड़ेगा असर?

कपास की कीमतों में इस साल की शुरूआत से ही तेजी जारी है. जनवरी 2024 से अब तक 15 फीसदी से अधिक का उछाल दर्ज किया गया है. जबकि, सितंबर तक कपास की कीमतों में और तेजी का अनुमान है. इसकी वजह अंतर्राष्ट्रीय कपास बाजार में कीमतों का ऊपर जाना है. इसके नतीजे में भारतीय किसानों को पिछले साल की तरह अपनी उपज रोकनी पड़ सकती है.

advertisement
वैश्विक बाजार में कपास की कीमतों में तेजी जारी. वैश्विक बाजार में कपास की कीमतों में तेजी जारी.

कपास की कीमतों में इस साल की शुरूआत से ही तेजी जारी है. जनवरी 2024 से अब तक 15 फीसदी से अधिक का उछाल दर्ज किया गया है. जबकि, सितंबर तक कपास की कीमतों में और उछाल होने का अनुमान लगाया गया है. इसकी वजह अंतर्राष्ट्रीय कपास बाजार में कीमतें चिंताजनक तरीके से ऊपर जाना है और वर्तमान में भारतीय कीमतों से अधिक चल रहा है. कीमतों में यह बढ़ोत्तरी फिलहाल किसानों को फायदा पहुंचा रही है, लेकिन विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि इस स्थिति के चलते भारतीय किसानों को पिछले साल की तरह अपनी उपज रोकनी पड़ सकती है. क्योंकि, कपास मिलों ने बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई है और टैक्सटाइल वैल्यू चेन को अधिक नुकसान होने की आशंका है. 

कपास व्यापारियों और विश्लेषकों का कहना है कि 2024 की शुरुआत से 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के बाद सितंबर तक शेष सीजन के लिए कपास की कीमतें मजबूत रहने की संभावना है. अगर मौजूदा तेजी जारी रहती है तो भारत का कपास निर्यात अक्टूबर सितंबर 2022-23 सीजन में 15.5 लाख गांठ यानी 170 किलोग्राम के निचले स्तर से ऊपर जा सकता है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में जारी तेजी मिलों और टेक्सटाइल्स सेक्टर को कपास खरीद पर विपरीत असर डाल सकती है, जो किसानों के लिए परेशानी बन सकता है. 

वायदा बाजार आईसीई (ICE) पर कपास वर्तमान में डेढ़ साल के हाईएस्ट लेवल पर कारोबार कर रहा है. इसकी वजह व्यापारी सट्टा खरीद को मान रहे हैं. हालांकि, प्राकृतिक फाइबर की मांग निरंतर बनी रहना भी तेजी का कारण बताया गया है. आईसीई (ICE) पर वर्तमान में मई वायदा कपास 92.130 सेंट यानी 60,450 रुपये प्रति कैंडी पर चल रहा है. मल्टीकमोडिटी एक्सचेंज पर मई वायदा मंगलवार को 59,980 रुपये प्रति कैंडी पर बंद हुआ. राजकोट में निर्यात के लिए बेंचमार्क शंकर-6 कपास की कीमत 57,600 रुपये प्रति कैंडी थी. राजकोट कृषि मंडी (APMC) में कपास का मॉडल मूल्य यानी जिस दर पर अधिकांश व्यापार होता है वो 7,000 रुपये प्रति क्विंटल था. पिछले सप्ताह इसमें 500 रुपये कीमत और बढ़ गई थी.

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार राजकोट स्थित कॉटन धागा और कपास वेस्ट ट्रेडर आनंद पोपट ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कपास बाजार चिंताजनक तरीके से ऊपर जा रहा है और वर्तमान में भारतीय कीमतों से अधिक चल रहा है. इसके नतीजे में भारतीय किसानों को पिछले साल की तरह अपनी उपज रोकनी पड़ सकती है. भारतीय कीमतें उसी के अनुरूप बढ़ सकती हैं, लेकिन हमें यकीन नहीं है कि वैश्विक कीमतें घटने के बाद उनमें कितनी गिरावट आएगी. 

कपास मिलें बढ़ती कीमतों पर चिंतित 

कर्नाटक के रायचूर में बहुराष्ट्रीय और घरेलू कंपनियों के लिए कपास सोर्सिंग एजेंट रामानुज दास ने कहा कि कपास में मौजूदा तेजी बहुत अधिक उतार चढ़ाव के साथ अस्थिर दिख रही है. कपास मिलों ने बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई है. इस पर उन्होंने कहा कि कीमतों में वृद्धि टैक्सटाइल वैल्यू चेन को और अधिक नुकसान पहुंचाएगी.

ये भी पढ़ें -