पंजाब में धान की खरीदी बहुत ही धीमी गति से हो रही है. प्रदेश की मंडियों में 7 अक्टूबर तक कुल 90,436 टन धान की आवक हुई. इसमें से अब तक केवल 19,912 टन की ही खरीद हुई है. हालांकि, मंगलवार से गैर-बासमती धान की खरीद में तेजी आने की उम्मीद है. क्योंकि आढ़तियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक की और अपना आंदोलन वापस ले ली. खास बात यह है कि खरीद सीजन के पहले सप्ताह में धान की आवक दर में 2023 सीजन की तुलना में राज्य भर की मंडियों में 85 फीसदी की गिरावट देखी गई है.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक धान की सुस्त आवक का कारण आढ़तियों की हड़ताल था, जो 46 रुपये प्रति क्विंटल के तय पारिश्रमिक की मौजूदा प्रणाली के मुकाबले फसल खरीद पर 2.5 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे हैं. ऐसे पंजाब में धान खरीद सीजन 1 अक्टूबर से शुरू हुआ. इसके अलावा जल्दी बोया जाने वाला बासमती की खरीद सितंबर के पहले सप्ताह से ही चल रही है. इस बासमती को निजी व्यापारी खरीदते हैं. लेकिन, इस बार आढ़तियों ने केंद्रीय पूल के लिए राज्य एजेंसियों द्वारा धान की खरीद का बहिष्कार किया था.
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पंजाब मंडी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार 7 अक्टूबर तक कुल 90,436 टन धान की आवक हुई थी, और अब तक केवल 19,912 टन की खरीद हुई है. सोमवार तक की कुल खरीद में सरकारी एजेंसी ने 11,888 टन की खरीद की, जबकि निजी व्यापारियों की हिस्सेदारी 8,023 टन थी. सोमवार को 22 जिलों में कुल 19,951 टन धान की आवक हुई और मोगा एकमात्र ऐसा जिला है, जहां खरीफ की फसल में धान की आवक अभी तक नहीं हुई है.
आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2023 के पहले सात दिनों में पंजाब में कुल 6.07 लाख टन की आवक दर्ज की गई थी, जो मौजूदा सीजन की आवक से 85 प्रतिशत से अधिक है. साल 2023-24 में 186.56 लाख टन धान की आवक हुई, जबकि इस बार पंजाब सरकार को 185 लाख टन गैर-बासमती चावल की खरीद की उम्मीद है. अब तक 4.81 लाख टन बासमती की आवक हो चुकी है और फसल का पूरा स्टॉक निजी व्यापारियों द्वारा खरीदा गया है. साल 2023 में, पंजाब की मंडी में बासमती की 4.26 लाख टन किस्मों की आवक देखी गई.
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बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि चूंकि बासमती चावल का रंग खराब होने की संभावना है और अगर इसे समय पर नहीं खरीदा गया तो किसानों को नुकसान हो सकता है, इसलिए आढ़तियों ने चावल की सुगंधित किस्मों की सुचारू खरीद सुनिश्चित करने पर सहमति जताई.
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