घरेलू आपूर्ति और कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर पाबंदी लगा रखी है. हालांकि, प्रीमियम किस्म कालानमक चावल को निर्यात छूट की मंजूरी दे दी है. DGFT की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यूपी और महाराष्ट्र के चुनिंदा कस्टम स्टेशनों से कालानमक चावल का निर्यात किया जाएगा. सरकार ने चावल निर्यात की मात्रा भी तय कर दी है. 3 अप्रैल से प्रीमियम किस्म के इस चावल का निर्यात कुछ देशों के लिए किया जाएगा. बता दें कि चावल निर्यात बैन के चलते बासमती और गैर बासमती दोनों का एक्सपोर्ट एक साल पहले की तुलना में 27 प्रतिशत घट गया है.
प्रीमियम गैर बासमती चावल की किस्म कालानमक निर्यात प्रतिबंध से छूट पाने वाली पहली किस्म बन गई है, क्योंकि केंद्र सरकार ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा रखी है. सरकार ने मंगलवार 3 अप्रैल 2024 को 6 निर्देशित सीमा शुल्क स्टेशनों के माध्यम से 1,000 मीट्रिक टन की कुल मात्रा तक काला नमक चावल के निर्यात की अनुमति दी है.
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने नोटिफिकेशन में कहा है कि काला नमक चावल और इसकी तय मात्रा के प्रमाणीकरण की जिम्मेदारी कृषि विपणन और विदेश व्यापार निदेशक लखनऊ की होगी. कालानमक चावल जिन स्टेशनों से निर्यात किया जाएगा, उनमें वाराणसी एयर कार्गो, महाराष्ट्र में जेएनसीएच, कांडला में सीएच और बढ़नी, सोनौली और नेपालगंज रोड में कस्टम स्टेशन शामिल हैं.
पिछले साल केंद्र ने खाद्य सुरक्षा और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए दिसंबर में टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया और फिर सफेद चावल के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क लगा दिया था. इससे पहले घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए 20 जुलाई को गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन कुछ देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और अनुरोध पर सरकार ने निर्यात की अनुमति दी है.
भारत का चावल जिन देशों में भेजा जाएगा उनमें भूटान, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, कैमरून, कोटे डी आइवर, गिनी, मलेशिया, फिलीपींस और सेशेल्स शामिल हैं. इन देशों को अनुरोध पर केंद्र ने गैर बासमती सफेद चावल और काला नमक चावल का निर्यात कोटा तय किया है.
चावल निर्यात पर प्रतिबंधों के कारण चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जनवरी के दौरान बासमती और गैर बासमती दोनों का निर्यात एक साल पहले की तुलना में 27 प्रतिशत घटकर 13.23 मिलियन टन रह गया है. गैर बासमती चावल के निर्यात में गिरावट और भी अधिक है जो 37 प्रतिशत घटकर 9.13 मिलियन टन रह गई है. बता दें कि भारत दुनियाभर में निर्यात होने वाले कुल चावल का अकेले 40 फीसदी खुद करता है.
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