
Muzaffarnagar News: भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने भी किसान आंदोलन (Farmer Protest) को और मजबूती देने के लिए गांव का रुख किया है. इसकी शुरुआत बुधवार को मुजफ्फरनगर के बढ़ेडी गांव से की गई. साधन सहकारी समिति में आयोजित पहली आम किसान सभा को राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने संबोधित किया. इस मौके पर टिकैत ने कहा कि आना वाल समय किसानों के लिए बेहद कठिन है. देश के बड़े पूंजीपति सरकार से मिलकर खेतों को कब्जाने की जुगत में हैं. किसानों को और कर्ज में डुबोकर ये बैंकों से मिलकर किसानों की जमीनों पर कब्जा करेंगे और आम किसान हाथ पर हाथ धरे रह जाएगा. इसलिए अब आंदोलन की रूपरेखा गांव में ही बनानी होगी. गांव की इकाइयों और समितियों को मजबूत किए बिना यह लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती. इसलिए देशभर में गांव-गांव जाकर ट्रैक्टर प्रमुख बनाने का अभियान चलाया जाएगा.
ग्राम स्तर पर भाकियू की समितियों का गठन किया जाएगा और उसी से निकले कर्मठ कार्यकर्ताओं को ब्लॉक्, तहसील, जिला और प्रदेश स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि अगर केंद्र में ऐसी सरकार दोबारा बनी तो मीडिया पर भी बंदिश लगेगी और बाकी राजनीतिक पार्टियों में भी टूट-फूट होगी. कोई विरोध करने की हिम्मत नहीं कर पाएगा. इसी के साथ खेती-किसानी पर कब्जा करने का षड़यंत्र रचा जाएगा.
वहीं सभा को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि शहर में सस्ते मजदूरों की फौज तैयार करने के लिए गांव के किसान को उनकी जमीनें सस्ते में छीनकर उन्हें कृषि मजदूर बनाने का काम किया जाएगा. ये काम आज भी हो रहा है. केसीसी यानी किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को ऋण के जाल में फंसाकर आज भी उनकी जमीनों को नीलाम करने का दुष्चक्र रचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि देशभर के मक्का किसानों को अभी 5 हज़ार करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है.
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राकेश टिकैत ने आगे कहा कि फसलों के दाम नहीं मिल पा रहे. वहीं एमएसपी गारंटी कानून लाने में सरकार हिचक रही है जबकि सब को पता है कि किसान को कर्ज नहीं फसलों के दाम चाहिए. ग्रामीण युवाओं को नौकरी चाहिए.
उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि भाकियू की गांव की इकाई को मजबूत करें और खेती-किसानी बचाने की इस अपनी जंग की खुद ही कमान संभालें तभी किसान बिरादरी के साथ् मजदूर बिरादरी का भी भला होगा. वरना गांवों को खत्म होते देर नहीं लगेगी. टिकैत ने गांव के युवाओं से सामाजिक बुराईयों को छोड़ शिक्षा, खेल के साथ अपने हकों की लड़ाई लड़ने का भी आह्वान किया.
इससे पहले भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत राजधानी लखनऊ में एक दिन की महापंचायत बुलाई थी. राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रदेश सरकार को चेताया कि किसानों की मांगें न मानी गईं तो इस बार आरपार की लड़ाई होगी और आने आने वाले चुनाव में किसान के साथ आम जनता सबक सिखाने का काम भी करेगी.
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टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने वादा किया था कि किसानों को मुफ्त बिजली देंगे, फ्री बिजली किसानों को नहीं दी. उल्टे आज किसानों के ट्यूबवेल पर बिजली मीटर जबरन लगाए जा रहे हैं. गन्ना सीजन शुरू होने को है लेकिन गन्ना रेट अबतक घोषित नहीं किया गया. अब गन्ना रेट नहीं बढ़ेगा तो कब बढ़ेगा. आज गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. उसका ब्याज अगल से बकाया चल रहा है.
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