Basmati Rice Export: इस साल र‍िकॉर्ड बना सकता है बासमती चावल का एक्सपोर्ट, ये है वजह 

Basmati Rice Export: इस साल र‍िकॉर्ड बना सकता है बासमती चावल का एक्सपोर्ट, ये है वजह 

सरकार ने बासमती एक्सपोर्ट पर लगी 1200 डॉलर प्रत‍ि मीट्र‍िक टन के म‍िन‍िमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) को घटाकर 950 डॉलर कर द‍िया है. इसकी वजह से भी अंतरराष्ट्रीय मांग में तेजी आई है. मध्य पूर्व, अमेरिका और पारंपरिक वैश्विक खरीदारों की ओर से इसकी मांग में वृद्धि देखी जा रही है. 

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Basmati Rice Export: इस साल र‍िकॉर्ड बना सकता है बासमती चावल का एक्सपोर्ट, ये है वजह इस साल क‍ितना हुआ बासमती चावल का एक्सपोर्ट.

इस व‍ित्त वर्ष में भारत से बासमती चावल का एक्सपोर्ट नए श‍िखर पर पहुंच सकता है. क्योंकि विदेशी ऑर्डर में काफी तेजी है. कीमतें भी इस साल रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है क‍ि गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर प्रत‍िबंध की वजह से इसकी खरीद में काफी तेजी है. क्योंक‍ि कई ऐसी सुगंध‍ित क‍िस्मों के न‍िर्यात पर भी रोक लगी हुई है ज‍िन्हें जीआई टैग प्राप्त है और उनका दाम सामान्य चावल के मुकाबले ज्यादा है. ऐसे में अपनी खुशबू, स्वाद और लंबे दानों के ल‍िए मशहूर बासमती चावल का एक्सपोर्ट बढ़ रहा है. मध्य पूर्व, अमेरिका और पारंपरिक वैश्विक खरीदारों की ओर से इसकी मांग में वृद्धि देखी जा रही है.

सरकार ने बासमती एक्सपोर्ट पर लगी 1200 डॉलर प्रत‍ि मीट्र‍िक टन के म‍िन‍िमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) को घटाकर 950 डॉलर कर द‍िया है. इसकी वजह से भी अंतरराष्ट्रीय मांग में तेजी आई है. उधर, मिलर्स बासमती की घरेलू मांग के नए स्रोत के रूप में शादी के मौसम और चावल उपभोक्ताओं के बीच बदलते उपभोग पैटर्न की ओर इशारा करते हैं. थोक विक्रेताओं का कहना है कि इस सर्दी में देश भर में डीलरों और वितरकों से खरीद में 15 फीसदी की वृद्धि हुई है. शादी-ब्याह में अब बासमती चावल का खूब इस्तेमाल हो रहा है. 

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अब तक क‍ितना हुआ एक्सपोर्ट

एप‍िडा के अनुसार वर्ष 2021-22 में भारत ने कुल 26,416.54 करोड़ रुपये की बासमती चावल का एक्सपोर्ट क‍िया था. जबक‍ि 2023-24 में अप्रैल से अक्टूबर तक ही 24,411.55 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट पूरा हो चुका है. बाजार व‍िशेषज्ञ ऐसी उम्मीद जता रहे हैं क‍ि इस साल मार्च तक बासमती का एक्सपोर्ट प‍िछले साल यानी 2022-23 में 38,524.11 करोड़ रुपये का र‍िकॉर्ड तोड़ सकता है. भारत दुन‍िया का सबसे बड़ा बासमती उत्पादक है. पाक‍िस्तान इसका एकमात्र प्रतिद्वंदी है.

क‍िसानों को इस बार म‍िला अच्छा दाम 

बासमती के बाजार पर नजर रखने वाले एक कारोबारी ने कहा क‍ि दुनिया के सबसे बड़े अनाज निर्यातक भारत द्वारा गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के कारण अधिकांश चावल की किस्मों की अनुपलब्धता ने भी बासमती की मांग को बढ़ा दिया है. अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मांग बढ़ने की वजह से इस बार क‍िसानों को बासमती धान का दाम 5000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तक भी म‍िला है, जो प‍िछले कुछ वर्षों में सबसे अधिक है. कुछ व‍िशेषज्ञों का मानना है क‍ि बासमती चावल के प्रीमियम ग्रेड की मांग में साल-दर-साल 25 प्रत‍िशत की वृद्धि देखने को म‍िली है. 

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