इस साल जिले के कई इलाकों में बाढ़ और ज्यादा बारिश के कारण धान की खेती प्रभावित हुई है. खासकर सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली ‘1509’ बासमती किस्म की पैदावार में भारी कमी आई है, जिससे किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. इस साल ‘1509’ बासमती की औसत पैदावार 12 से 17 क्विंटल प्रति एकड़ रह गई है, जबकि पिछले सीजन में यह 20 से 25 क्विंटल प्रति एकड़ थी. हालांकि इस बार बाजार में कीमतें थोड़ी बेहतर हैं, लेकिन उत्पादन में आई गिरावट ने किसानों के फायदे को खत्म कर दिया है.
कर्नाल अनाज बाजार में आए किसान विकास ने बताया, “मैंने 4 एकड़ में 1509 किस्म की खेती की थी, इस साल औसत पैदावार 16.5 क्विंटल प्रति एकड़ रही. पिछले साल यह 23.5 क्विंटल थी. वर्तमान बाजार दर 3,000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मेरा हर एकड़ पर लगभग 21,000 रुपये का नुकसान हुआ है.” उन्होंने यह भी बताया कि धान की खेती का खर्च लगभग 27,000 रुपये प्रति एकड़ है.
रिंदाल गांव के किसान प्रताप के अनुसार, ‘1509’ किस्म को निजी व्यापारी 2,600 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रहे हैं. कूंझपुरा के किसान नरेश ने भी कहा, “पिछले साल मुझे एकड़ में 25 क्विंटल धान मिला था, लेकिन इस बार केवल 16 क्विंटल ही हुआ.”
आढ़ती सुमित चौधरी ने स्थिति को लेकर कहा, “इस साल ‘1509’ की कीमतें पिछले साल से बेहतर हैं, लेकिन पैदावार कम होने के कारण किसानों को ज्यादा फायदा नहीं हो रहा.”
अधिक बारिश और जलभराव की वजह से इस साल ‘1509’ बासमती की पैदावार में आई गिरावट ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बेहतर कीमतों के बावजूद उत्पादन की कमी ने उनकी आमदनी पर असर डाला है. किसान इस संकट से उबरने के लिए जल्द किसी समाधान की उम्मीद कर रहे हैं.
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