दालों के बढ़ते दाम के बीच चने की नई फसल कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों में आ गई है. इस साल इसकी कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के स्तर से ऊपर रहने की संभावना है. क्योंकि बुवाई कम हुई है. राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात में बुआई क्षेत्र में गिरावट के कारण देश में इस रबी सीजन में चना का रकबा 109.73 लाख हेक्टेयर की तुलना में घटकर 102.90 लाख हेक्टेयर रह गया. हालाकि, कृषि मंत्रालय के नए आंकड़ों के अनुसार, बड़े उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में क्षेत्र में वृद्धि देखी गई है. जबकि व्यापार सूत्रों ने कहा कि क्षेत्रफल में गिरावट और अनियमित बारिश से उत्पादन पर असर पड़ने की संभावना है. इसलिए इस बार चने का दाम पिछले साल की तुलना में ज्यादा हो सकता है.
रबी मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए चने का एमएसपी 5440 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (आईपीजीए) के अध्यक्ष बिमल कोठारी ने कहा कि फसल के आकार का आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी और अगले पखवाड़े में स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी. उन्होंने कहा, "हाल ही में उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में कुछ बारिश हुई है और शीत लहर से क्षेत्र में फसल उत्पादन में मदद मिलेगी.
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नई चना फसल का दाम कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों में इस समय 5,700-6,200 प्रति क्विंटल के बीच है, जो एमएसपी से अधिक है. इससे किसानों को फायदा मिल रहा है. कोठारी ने कहा कि चना की कीमतें मौजूदा स्तर पर रहने की संभावना है. क्योंकि सरकार ने 31 मार्च, 2024 तक शून्य आयात शुल्क पर पीली मटर के आयात की अनुमति दी है, जिससे कीमतों में किसी भी वृद्धि को रोकने में मदद मिलेगी.
इंदौर में ऑल इंडिया दाल मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, सुरेश अग्रवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में फसल की स्थिति अच्छी दिख रही है, लेकिन अगले कुछ हफ्तों में मौसम का रुख कैसा रहेगा इसे देखना होगा. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में फरवरी के अंत तक आवक शुरू हो जानी चाहिए और कुल मिलाकर फसल में 2-5 फीसदी की कमी आ सकती है.
आईग्रेन इंडिया के राहुल चौहान ने कहा कि चना का परिदृश्य इस बात पर निर्भर करता है कि सरकारी एजेंसियां इस साल कितनी मात्रा में खरीद करेंगी. “कर्नाटक और महाराष्ट्र में अनियमित बारिश के कारण मिट्टी की नमी के स्तर में कमी के कारण फसल की पैदावार पर कुछ चिंताएं हैं. कुल मिलाकर, रकबा घटने से चने का उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम रहने की संभावना है. एमपी, राजस्थान और गुजरात में फसल की स्थिति अच्छी दिख रही है. चौहान ने कहा कि कीमतें एमएसपी स्तर से ऊपर स्थिर रहने की संभावना है.
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