हरियाणा के कुरुक्षेत्र में धान की पराली में आग लगाने के आरोप में 24 किसानों को गिरफ्तार किया गया. बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. जानकारी के अनुसार, हरियाणा अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (HARSAC) और अन्य स्रोतों के माध्यम से खेतों में आग लगाने की 93 घटनाओं की सूचना मिली थी. इसमें से 65 स्थानों पर आग की पुष्टि की गई. इसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जिले में किसानों के खिलाफ 62 एफआईआर दर्ज की है. वहीं, कृषि विभाग ने 60 किसानों पर 1.50 लाख रुपये का पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ईसीसी) भी लगाया है. इसके अलावा, इन किसानों के खिलाफ 59 रेड एंट्री की गई है.
कुरुक्षेत्र पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि अलग-अलग पुलिस थानों में किसानों के खिलाफ 62 एफआईआर दर्ज की गई थी जिसमें पुलिस ने 24 किसानों को गिरफ्तार किया और बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया. 62 एफआईआर में से 11 मामले शाहाबाद पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में, 10 लाडवा में, नौ बाबैन में, आठ थानेसर सदर क्षेत्र में, सात केयूके पुलिस के अधिकार क्षेत्र में दर्ज किए गए हैं. गिरफ्तार किए गए किसानों में झांसा में छह, पेहोवा सदर क्षेत्र में पांच, इस्माइलाबाद में चार और कृष्णा गेट थाने दो किसान गिरफ्तार किए गए.
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कृषि उपनिदेशक (डीडीए) डॉ. करम चंद ने कहा कि उच्च अधिकारियों के निर्देशों का पालन करते हुए जिले में पराली के उपाय का काम पूरा कर लिया गया है और एक सप्ताह में बची हुई फसल की कटाई कर ली जाएगी. कुरुक्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई की निंदा की है.
बीकेयू (चढूनी) के प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि उपकरणों और सुविधाओं की कमी के कारण किसान पराली जलाने को मजबूर हैं. कार्रवाई करने और किसानों पर दबाव बनाने के बजाय, सरकार को धान की पराली के प्रबंधन के लिए अपनी मशीनरी का उपयोग करना चाहिए. सरकार को प्रोत्साहनों राशि को बढ़ाना चाहिए और किसानों की मदद के लिए पर्याप्त उपकरण उपलब्ध कराने चाहिए.
कृषि उपनिदेशक (डीडीए) डॉ. करम चंद ने कहा कि धान की पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. किसानों को सरकारी प्रोत्साहन का लाभ उठाना चाहिए और पराली जलाने की बजाय उसका प्रबंधन करना चाहिए. जिले में करीब 90 फीसदी कटाई पूरी हो चुकी है और एक सप्ताह में बाकी फसल की भी कटाई हो जाएगी. वहीं कुरुक्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
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