SC की 'गिरफ्तारी' टिप्‍पणी के बीच पंजाब में 39 पराली जलाने की घटनाएं, जानिए इनपर क्‍या एक्‍शन हुआ

SC की 'गिरफ्तारी' टिप्‍पणी के बीच पंजाब में 39 पराली जलाने की घटनाएं, जानिए इनपर क्‍या एक्‍शन हुआ

Parali Burning: सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बीच पंजाब में आठ दिन में पराली जलाने की 39 घटनाएं दर्ज की गई हैं. अमृतसर में सबसे अधिक 21 मामले सामने आए हैं. घटनाओं को लेकर 14 FIR दर्ज की जा चुकी हैं. जानिए दोषी पाए जाने पर और क्‍या कार्रवाई होगी.

Advertisement
SC की 'गिरफ्तारी' टिप्‍पणी के बीच पंजाब में 39 पराली जलाने की घटनाएं, जानिए इनपर क्‍या एक्‍शन हुआपंजाब में पराली जलाने के 39 मामले सामने आए (फाइल फोटो)

Punjab Stubble Burning: पंजाब में हर साल की तरह इस बार फिर से पराली जलाने की घटनाएं देखने को‍ मिल रही है. पिछले 8 दिनों में राज्‍य में पराली जलाने की 39 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें से 14 मामलों में किसानों पर केस दर्ज किए गए हैं. ये घटनाएं ऐसे समय में आ रही हैं, जब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं को लेकर सख्‍त टिप्‍पणी करते हुए राज्‍य सरकार को फटकार लगाई थी. पंजाब और हरियाणा में अक्टूबर और नवंबर में धान की कटाई के बाद पराली जलाने को दिल्ली में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी का मुख्य कारण माना जाता है.

सबसे ज्‍यादा मामले अमृतसर में

धान की कटाई के बाद रबी फसल- गेहूं की बुआई के लिए समय बहुत कम होता है, इसलिए कुछ किसान अगली फसल की बुआई के लिए खेत में बचे अवशेषों को जल्दी साफ करने के लिए आग लगा देते हैं. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 15 से 22 सितंबर के बीच पराली जलाने की 39 घटनाएं दर्ज की गई हैं. इनमें सबसे ज्‍यादा अमृतसर में- 21, तरनतारन में 7, पटियाला में 5 और बठिंडा, फरीदकोट, जालंधर, कपूरथला, मोहाली और मलेरकोटला में एक-एक घटना दर्ज की गई है.

अब तक कुल 14 FIR दर्ज

बताया गया कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223 के तहत 14 FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें से 13 केस अमृतसर में दर्ज किए गए हैं. यह धारा सरकारी अधिकारी के आदेश की अवहेलना से संबंधित है. मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को पंजाब सरकार से पूछा था क्‍यों न पराली जलाने वाले कुछ किसानों को सख्त संदेश देने के लिए गिरफ्तार किया जाए?

किसानों पर सवा लाख रुपये जुर्माना लगा

पीठ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में रिक्तियों को भरने से संबंधित एक स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई कर रही थी. वहीं, सर्वोच्‍च अदालत की टिप्‍पणी पर कई किसानों और किसान नेताओं ने नाराजगी जताई थी. PPCB के अनुसार, फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर 1.25 लाख रुपये का पर्यावरण मुआवजा लगाया गया है, जिसमें से 50,000 रुपये वसूल किए गए हैं.

15 मामलों में रेड एंट्री दर्ज की गई

राज्य अधिकारियों ने दोषी किसानों के भूमि अभिलेखों में 15 रेड एंट्री भी की हैं, जिससे वे अपनी जमीन पर लोन नहीं ले सकते या उसे बेच नहीं सकते. खेतों में आग लगने की घटनाओं का रिकॉर्ड 15 सितंबर से शुरू हुआ है, जिसके 30 नवंबर तक जारी रहने की आशंका है.

पंजाब में 2024 में 10,909 आग की घटनाएं हुईं, जबकि 2023 में 36,663 घटनाएं हुई थीं. यानी इसमें 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. राज्य में 2022 में 49,922, 2021 में 71,304, 2020 में 76,590, 2019 में 55,210 और 2018 में 50,590 आग की घटनाएं दर्ज की गईं. संगरूर, मनसा, बठिंडा और अमृतसर जैसे कई जिलों में पराली जलाने की घटनाएं सबसे अधिक थीं. (एजेंसी)

POST A COMMENT