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किसान ने गेहूं की खड़ी फसल को जलाया, बिजली विभाग के सुस्त रवैये से खेत में लगाई आग

किसान ने गेहूं की खड़ी फसल को जलाया, बिजली विभाग के सुस्त रवैये से खेत में लगाई आग

तहसीलदार से लेकर राष्ट्रपति तक गुहार लगाई. बिजली विभाग के सुस्त रवैये से राहत की फरियाद लगाई. लेकिन इस किसान की बात कहीं नहीं सुनी गई. अंत में किसान ने गेहूं की पूरी फसल में आग लगा दी. किसान की शिकायत थी कि बिजली विभाग उसके खेत में जीरो वोल्टेज का बिजली देता था जिससे सिंचाई नहीं हो पाती थी.

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नाराजगी में किसान ने गेहूं के खेत में लगाई आग नाराजगी में किसान ने गेहूं के खेत में लगाई आग

महाराष्ट्र के बुलढाना जिले में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां एक किसान ने गेहूं की पूरी फसल को जिंदा जला दिया. देखते-देखते पूरी फसल जलकर राख हो गई और किसान की मेहनत पर पानी फिर गया. जिस गेहूं को कई महीने तक किसान ने पाला-पोसा और बड़ा किया था, उसे एक झटके में जला कर राख कर दिया. इतना ही नहीं, किसान ने अपनी बेबसी पर सरकार से आत्मदाह की इजाजत मांगी. कहा जा रहा है कि किसान बिजली विभाग के सुस्त रवैये आजिज आ गया था. बार-बार विनती करने के बाद भी बिजली विभाग किसान की नहीं सुन रहा था. इसके बाद किसान ने तंग आकर पूरी फसल में आग लगा दी.

यह घटना बुलढाना जिले के शेगाव तहसील के चिंचोली गांव के किसान रमेश काशीराम सानप की है. सानप ने अपने सवा दो एकड़ खेत में गेहूं की फसल में लगाई थी. लेकिन तंग आकर उन्होंने पूरी फसल में आग लगा दी. किसान का कहना है कि उसने बिजली विभाग की लापरवाही के कारण अपनी फसल में आग लगा दी. किसान रमेश ने कहा कि जनवरी महीने से उसके खेत में बिजली कनेक्शन था लेकिन वोल्टेज जीरो रहता था. इससे सिंचाई का कोई काम नहीं हो पाता था. किसान ने इस बात की सूचना बिजली विभाग को बार-बार दी लेकिन कोई हल नहीं निकला.

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क्या थी किसान की शिकायत?

इस रवैये से परेशान होकर किसान रमेश सानप ने अपनी तकलीफ तहसीलदार से लेकर देश के राष्ट्रपति को भी लिखित में बताई. लेकिन कुछ भी नही हो सका. सिस्टम की कार्यप्रणाली से झल्लाकर किसान रमेश सानप ने अपने खेत में खड़ी गेहूं की फसल को जिंदा जला डाला. किसान ने बताया कि खेत में बिजली कनेक्शन है, लेकिन फसल की सिंचाई के लिए और कुएं से पानी खींचने के लिए मोटर को पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिल पाता है. इससे किसान की पूरी फसल सूखने लगी थी. फसल की यह हालत देख और सिस्टम के प्रति अपना रोष जताते हुए किसान सानप ने गेहूं की फसल में आग लगा दी.

किसान ने अपनी गेहूं की फसल में लगाई आग

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राष्ट्रपति तक लगाई गुहार

किसान रमेश सानप ने अफसोस जताते हुए कहा कि अगर तहसीलदार से लेकर राष्ट्रपति तक किसानों की कोई नहीं सुनता तो मर जाना ही बेहतर है. बिजली विभाग के रवैये से परेशान इस किसान ने सरकार से लिखित रूप में इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है. इसकी एक कॉपी राष्ट्रपति को भी भेजी है. किसान का कहना है कि निचले स्तर पर उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं है, उनकी फरियाद कहीं नहीं सुनी जाती, इसलिए वे राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करते हैं. किसान ने कहा कि उन्होंने अपनी समस्या के बारे में छोटे स्तर से लेकर राष्ट्रपति तक गुहार लगाई, लेकिन उनकी शिकायत का समाधान नहीं निकल पाया. ऐसे में वे खुद की जान देना ही बेहतर समझते हैं.