Soybean Purchase: मध्‍य प्रदेश में लागू होगी 'भावांतर योजना', किसानों को सोयाबीन पर मिलेगा MSP का पूरा पैसा

Soybean Purchase: मध्‍य प्रदेश में लागू होगी 'भावांतर योजना', किसानों को सोयाबीन पर मिलेगा MSP का पूरा पैसा

Madhya Pradesh Soybean Purchase: मध्य प्रदेश में सोयाबीन किसानों को राहत देने के लिए ‘भावांतर योजना’ लागू होगी. सीएम मोहन यादव ने बताया कि यदि फसल MSP से कम दाम पर बिकेगी तो सरकार अंतर की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में डालेगी. पढ़ें पूरी डिटेल...

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मध्‍य प्रदेश में लागू होगी 'भावांतर योजना', किसानों को सोयाबीन पर मिलेगा MSP का पूरा पैसाMP के किसानों को मिलेगा सोयाबीन का एमएसपी

मध्‍य प्रदेश के सोयाबीन किसानों के लिए खुशखबरी है. राज्‍य के मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोयाबीन की खरीद को लेकर बड़ा ऐलान किया है. उन्‍होंने बीती रात जानकारी दी कि राज्य में सोयाबीन की खरीद के लिए 'भावांतर योजना' लागू होगी. अगर किसानों को MSP से कम कीमत दाम मिलते हैं तो हमारी सरकार इस योजना के तहत किसानों के घाटे की भरपाई करेगी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को बताया कि यह योजना खासकर सोयाबीन की फसल पर लागू होगी.

सोयाबीन के लिए 5328 रुपये प्रति क्विंटल MSP तय

सीएम मोहन यादन  ने आगे कहा कि केंद्र सरकार की ओर से नए मार्केटिंग सीजन के लिए सोयाबीन का न्‍यूनतम समर्थन मूल्य 5328 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. राज्‍य सरकार यह तय करेगी कि किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिले. सीएम ने बयान में कहा कि योजना के तहत किसान पहले की तरह ही अपनी फसल मंडियों में बेचेंगे.

सीधे किसानों के खाते में पहुंचेगी घाटे की राश‍ि

अगर फसल का भाव तय MSP से कम रहता है तो किसानों को घाटे की भरपाई के रूप में दी जाने वाली राशि सीधे DBT के माध्‍यम से उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी. यानी, एमएसपी और वास्तविक बिक्री मूल्य के बीच का अंतर सरकार चुकाएगी. सीएम यादव ने जानकारी दी कि योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को रज‍िस्‍ट्रेश कराना अनिवार्य है. राज्‍य सरकार जल्द ही भावांतर योजना की रजिस्‍ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करने जा रही है.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरूवार को सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र की नगर पंचायत जैसीनगर में पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर आयोजित मुख्यमंत्री अन्न सेवा जागरूकता कार्यक्रम के दौरान कई अहम बातें कही. उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में जहां भी सोयाबीन की फसल को अतिवृष्टि या रोग के कारण खराब होने के मामले सामने आए हैं, वहां फसल नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है. सर्वे के बाद किसानों को सोयाबीन फसल नुकसान का उच‍ित मुआवजा दिया जाएगा.

MP में पिछले साल इतना हुआ था सोयाबीन उत्‍पादन

बता दें कि मध्‍य प्रदेश सोयाबीन उत्‍पादन में पहले नंबर पर है. पिछले साल हुए बंपर उत्‍पादन के चलते मध्‍य प्रदेश ने महाराष्‍ट्र को पछाड़कर पहला स्‍थान हासिल किया था. महाराष्‍ट्र ने दूसरा और राजस्‍थान उत्‍पादन में तीसरे नंबर पर था. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बीते साल मध्यप्रदेश में 54.7 लाख टन सोयाबीन का  उत्पादन हुआ था और पहले नंबर पर था, जो देश के कुल उत्‍पादन का 41.92 प्रतिशत था.

वहीं, महाराष्‍ट्र 52.3 लाख टन सोयाबीन उत्‍पादन के साथ दूसरे नंबर पर था और यहां देश के कुल उत्पादन का 40.01 प्रतिशत उत्‍पादन हासिल किया गया था. सोयाबीन  उत्‍पादन में राजस्‍थान तीसरे नंबर पर था, जहां कुल 11.7 लाख टन उत्पादन दर्ज किया गया था. यह देश के कुल उत्पादन का 8.96 प्रतिशत था.

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