सागर के केसली मंडी परिसर में बने दिगंबर स्वसहायता समूह खरीद केंद्र में कथित तौर पर किसानों से खरीदी गई धान की 38000 बोरियो में भूसा भरा मिला. यह कारनामा उजागर होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. मौके पर तहसीलदार और खाद्य विभाग के अधिकारी पहुंचे और खरीद केंद्र को सील कर जांच कार्यवाही शुरू कर दी.
इस बीच खरीद केंद्र संचालक सहित कर्मचारी मौके से भाग निकले. पूरे मंडी परिसर में रखी लगभग 38 हजार बोरियो में धान की जगह भूसा भर दिया गया था, जिसे किसान से खरीदी गई धान बता कर भुगतान लेने की तैयारी थी. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने यह पाया कि धान की बोरियों में बहुत अधिक मात्रा में भूसा भरा है. जिन बोरियों का वजन 40 किलो होना चाहिए, उनका वजन महज 15 से 20 किलो ही निकला.
मामला सामने आने के बाद खाद्य अधिकारी ने भी माना कि लगभग 38 हजार बोरियो में धान के साथ भूसा भी भरा हुआ है. उन्होंने कहा कि परिसर को सील कर जांच की जा रही है. फिर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी. दूसरी तरफ स्थानीय कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री हर्ष यादव ने इस घोटाले के सामने आने के बाद कहा कि मामला बेहद संवेदनशील है, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए.
थाना प्रभारी तहसीलदार और खाद आपूर्ति अधिकारी ने जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को दिया. इसके बाद समूह के संचालक और ऑपरेटर पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. धोखाधड़ी का मामला तीन लोगों पर दर्ज किया गया है. एसडीओपी पूजा शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि धान खरीदी केंद्र में भूसा की खरीद कर बोरों में भरने की सूचना मिली थी. इसके बाद टीम मौके पर पहुंची. जांच का प्रतिवेदन कलेक्टर को दिया गया. कलेक्टर से निर्देश मिलने के बाद धारा 420, 409, 406 और 34 के तहत की एफआईआर दर्ज की गई है.
खाद्य आपूर्ति अधिकारी पलक खरे ने कहा कि धान खरीदी केंद्र दिगंबर सहायता समूह के द्वारा केसली कृषि मंडी में संचालित किया जा रहा है. यहां पर शिकायतें प्राप्त मिल रही थीं कि अमानक स्तर की धान खरीदी हो रही है. मौके पर तहसीलदार के साथ विजिट किया गया और धान की गुणवत्ता भी देखी गई. यहां पर पाया गया कि एक्चुअल में धान खरीदी होनी थी पर जो बोरियों में धान खरीदी गई है उसमें भूसे की मात्रा काफी ज्यादा है. जो वजन है वह भी लगभग 20 से 25 किलो ही है. खरीद केंद्र पर आने पर प्रबंधक और ऑपरेटर कोई नहीं मिला. सब भाग गए हैं.
देवरी विधायक और पूर्व मंत्री हर्ष यादव ने कहा कि जिस तरह से खरीदी केंद्र पर भ्रष्टाचार की और अमानत धान खरीदी का मामला सामने आया है, यह निश्चित रूप से बेहद संवेदनशील मामला है. इस गंभीर मामले को देखते हुए प्रशासन को संज्ञान में लेना चाहिए और कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. जो भी दोषी हो उसके खिलाफ बेहद कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है.
जिस धान खरीद केंद्र पर यह घटना उजागर हुई है उसे दिगंबर सहायता समूह के द्वारा केसली कृषि मंडी में चलाया जाता है. इस केंद्र पर घटिया स्तर के धान खरीद की शिकायतें पहले से मिल रही थीं जिसके बाद खाद्य आपूर्ति अधिकारी और तहसीलदार ने मुआयना किया. जांच में पता चला कि लगभग 38000 बोरियों में धान के साथ भूसा भरा हुआ है. इसमें धान का वजन अधिक दिखाने के लिए बोरियों में भूसा भर दिया गया था. जांच के बारे में एसडीओपी ने पूरी जानकारी दी.(शिवा पुरोहित की रिपोर्ट)
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