हरियाणा के फतेहाबाद में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन किसानों की मांग है कि सरकार सरसों खरीद के लिए दोबारा पोर्टल खोले और उनकी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदे. यहां सरसों की सरकारी खरीद बहुत पहले बंद हो गई है जिसके विरोध में किसान सड़कों पर उतर गए हैं. फतेहाबाद में किसानों ने अपनी मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक के दफ्तर के बाहर धरना दिया. किसानों ने फतेहाबाद में हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और बीजेपी विधायक दुडाराम के दफ्तर पर धरना दिया. किसानों ने अपनी मांग को लेकर विधायक को ज्ञापन भी सौंपा.
फतेहाबाद शहर की अनाज मंडी में पिछले कुछ दिनों से सरसों की एमएसपी पर खरीद नहीं हो रही है. इससे किसानों में गुस्सा है और वे दोबारा खरीद शुरू करने की मांग कर रहे हैं. गुस्साए किसानों ने शुक्रवार को पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में बीजेपी विधायक दुडाराम के ऑफिस के बाहर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. विधायक को ज्ञापन सौंपकर किसानों ने दोबारा सरसों खरीदने की मांग उठाई.
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इस मौके पर पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के राज्य महासचिव रविंद्र सिंह हिजरावां ने कहा, आदमपुर में एक दिन के लिए पोर्टल खोलकर सरसों की खरीद की गई है. हमारी मांग है कि इसी तरह फ़तेहाबाद में भी दो-चार दिनों के लिए पोर्टल खोलकर किसानों की सरसों को एमएसपी पर खरीदा जाए. फ़तेहाबाद में करीब 25 हजार बोरी सरसों की पड़ी है जिसे किसान बेचने के इंतजार में हैं.
विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों ने कहा कि सरकार उन्हें राहत दे ताकि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके. इस मौके पर रविंद्र सिंह हिजरावां ने कहा, आज हमने फ़तेहाबाद के विधायक दुडाराम के ऑफिस के सामने धरना देकर मांगपत्र सौंपा. विधायक ने आश्वासन दिया है कि वे मुख्यमंत्री से बात करके जल्द पोर्टल खुलवाकर सरसों की खरीद करवाएंगे.
धरना प्रदर्शन करने वाले किसानों ने कहा कि फतेहाबाद के गांवों में कई किसान ऐसे हैं जिनकी सरसों बिकी नहीं है और अब तक उपज यूं ही पड़ी है. पिछले साल जहां सरसों का भाव 6200 रुपये तक मिला था, वहीं इस बार 4200 से लेकर 4800 रुपये क्विंटल का रेट चल रहा है. किसानों ने मांग कि सरकार उन्हें एमएसपी की गारंटी दे और उनकी उपजों को एमएसपी पर खरीदी की जाए. इस प्रदर्शन के दौरान किसानों ने बीजेपी विधायक को ज्ञापन सौंपा जिस पर विधायक ने दोबारा पोर्टल खोलकर सरसों खरीद करने का आश्वासन दिया. हालांकि विधायक ने यह नहीं बताया कि पोर्टल कब खुलेगा और सरसों की खरीद कब शुरू की जाएगी.
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हरियाणा में सरसों की सरकारी खरीद बंद कर दी गई है और तर्क दिया गया है कि सरसों की खरीद का काम पूरा हो चुका है. हालांकि किसान इस तर्क से नाराज हैं क्योंकि अभी भी हजारों क्विंटल उपज पड़ी हुई है. किसान मांग कर रहे हैं कि दोबारा पोर्टल शुरू कर सरसों की खरीद शुरू की जाए.
बीते दिनों रेवाड़ी में किसानों ने सरसों की खरीद फिर से शुरू करने के लिए आंदोलन किया था. किसानों का कहना था कि सरकार ने खरीद पूरी किए बिना ही इसे बंद कर दिया. दूसरी ओर सरकार का कहना है कि सरसों खरीद का जो लक्ष्य था, उसे पूरा कर लिया गया है. सो, खरीद को बंद किया गया है. किसान इस तर्क से सहमत नहीं हैं और उनका कहना है कि वे बाजार में अपनी उपज नहीं बेचेंगे क्योंकि प्राइवेट व्यापारी औने-पौने दाम पर इसकी खरीद कर रहे हैं. यहां तक कि दो से तीन हजार रुपये तक सरसों के भाव गिर गए हैं. इससे पार पाने के लिए किसान सरकारी मंडी में सरसों बेचना चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने आंदोलन किया और सरकार को दोबारा मंडी शुरू करनी पड़ी है.(बजरंग मीणा की रिपोर्ट)
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