अवैध धान ले जाते वाहन किए गए जब्तछत्तीसगढ़ में खरीफ मार्केटिंग वर्ष 2025-26 के दौरान समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जारी है. राज्यभर में 15 नवंबर 2025 से धान की सरकारी खरीद का काम चल रहा है. ऐसे में पूरी खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी रखने के लिए सीमावर्ती जिले सहित कई जिलों में पुलिस-प्रशासन एक्टिव है और धान की अवैध आवक पर लगातार सख्त कदम उठा रहा है. कई जिलों में अवैध धान भंडारण और परिवहन को रोकने के लिए विशेष मॉनिटरिंग अभियान चलाया जा रहा है. प्रशासनिक टीमों ने अंतरराज्यीय सीमाओं की निगरानी बढ़ाई दी है, ताकि बाहरी राज्यों से अवैध धान की आवक को रोका जा सके.
इस बीच, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में कलेक्टर राजेन्द्र कटारा के निर्देश पर गठित संयुक्त टीम ने अब तक 10 हजार 320 बोरी धान जब्त की है. साथ ही अवैध ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल हुए 16 वाहनों को भी कब्जे में लिया है. जिले में कोचियों और बिचौलियों पर कार्रवाई तेज की गई है. जिले में खाद्य, राजस्व और पुलिस विभाग की टीमें लगातार नियमित जांच कर रही हैं. प्रशासन ने किसानों, आम लोगों से अपील की है कि वे धान से जुड़ी अवैध गतिविधियों की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें, ताकि उस पर एक्शन लिया जा सके. साथ ही जानकारी देने वालों के नाम गोपनीय रखे जाएंगे, जिससे उन्हें कोई खतरा नहीं होगा.
वहीं, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में भी कार्रवाई का सिलसिला जारी है. यहां सरिया के तहसीलदार कोमल साहू के नेतृत्व में गठित जांच दल ने ओडिशा से धान ला रहे एक ट्रक को ग्राम बोरिदा में पकड़ा. जांच के दौरान ओडी 17 के 7832 नंबर का वाहन में 560 बोरी धान बिना वैध दस्तावेज के लाता हुआ पाया गया. इस पर मंडी अधिनियम के तहत जब्ती की कार्रवाई की गई और वाहन को थाना सरिया के सुपुर्द किया गया है. जांच में सामने आया कि यह धान ओडिशा के भठली से सरिया क्षेत्र के नौघटा लाया जा रहा था. पड़ोसी राज्यों से अवैध आवक को रोकने के लिए सीमाओं पर कड़ी निगरानी जारी है.
उधर, महासमुंद जिले में भी संयुक्त कार्रवाई की गई और सरायपाली विकासखंड के गांव बलोदा में एसडीएम के मार्गदर्शन में राजस्व और मंडी विभाग की टीम ने 450 कट्टा धान जब्त कर लिया. यह धान टिकेश्वर साहू के गोदाम में बिना किसी वैध दस्तावेज के रखा पाया गया.
टीम ने गोदाम को सील कर दिया है और प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पूरे जिले में अवैध खरीदी, बिक्री, परिवहन और भंडारण के मामलों में सख्ती आगे भी जारी रहेगी. वहीं, किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने पंजीयन, कैरी फारवर्ड और फसल रकबा संशोधन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 25 नवंबर 2025 कर दी थी. यानी अब किसानों के पास आज और कल का ही समय शेष है. किसान तहसील कार्यालय में जाकर इन सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं.
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