मखाना महोत्सव का हुआ शुभारंभ, उत्पाद और निर्यात क्षमता को बढ़ाने पर दिया जा रहा जोर 

मखाना महोत्सव का हुआ शुभारंभ, उत्पाद और निर्यात क्षमता को बढ़ाने पर दिया जा रहा जोर 

पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय मखाना महोत्सव का हुआ शुभारंभ. दो दिनों तक चलने वाले मखाना महोत्सव के दौरान मखाना को आमजन तक पहुंचाने के साथ उत्पादन और निर्यात क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. 

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मखाना महोत्सव का हुआ शुभारंभ, उत्पाद और निर्यात क्षमता को बढ़ाने पर दिया जा रहा जोर  पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय मखाना महोत्सव का हुआ शुभारंभ. दो दिनों तक चलने वाले मखाना महोत्सव के दौरान मखाना को आमजन तक पहुंचाने के साथ उत्पादन और निर्यात क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.

पिछले साल की तरह इस साल भी कृषि विभाग की ओर से शुक्रवार को पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय मखाना महोत्सव का उद्घाटन किया गया. इस दौरान मखाना महोत्सव के बारे में बात करते हुए कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से मखाना के उत्पादन को बढ़ाने और बाजार के नये आयामों पर चर्चा होगी. आने वाले समय में मखाना को खास लोगों के अलावा आम लोगों की थाली में भी शामिल करने का काम करना है. महोत्सव का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार डॉ. मंगला राय ने कहा कि पिछले कई वर्षों में मखाना की खेती का विस्तार हुआ है. इसके साथ ही अब मखाने की खेती तालाब के अलावा खेतों में भी होने लगी है. जो मखाना के क्षेत्र में एक बेहतर कदम है.

आपको बता दें कि उद्यान निदेशालय द्वारा 1 से 2 दिसंबर तक मखाना महोत्सव का आयोजन किया गया है. इस महोत्सव में करीब 30 स्टॉल लगाए गए हैं. मखाना महोत्सव में पहली बार पता चला कि मखाना सेहत के लिए कितना फायदेमंद है. महोत्सव में आने वाले लोगों को डॉक्टर इस संबंध में जानकारी देंगे. साथ ही महोत्सव में किसानों, वैज्ञानिकों, व्यापारियों समेत कई निर्यातकों ने हिस्सा लिया. महोत्सव में बांग्लादेश उच्चायोग के काउंसलर ने भी भाग लिया.

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मखाना की खेती का बढ़ा रकबा

कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार एवं मखाना अनुसंधान संस्थान की पहल का नतीजा है कि साल 2012-13 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में मखाना के रकबा में 171 प्रतिशत और पॉप उत्पादन में 152 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं 2019-20 से शुरू मखाना विकास योजना के तहत मखाना के उन्नत प्रभेदों के बीज उत्पादन एवं प्रत्यक्षण तथा विस्तार को बढ़ावा देने के लिए सहायता अनुदान का प्रावधान किया गया है. बदलते समय के साथ अब एक ही तालाब में मछली पालन, मखाना की खेती के साथ सिंघाड़ा की खेती हो रही है. जो किसानों के लिए कमाई का बेहतर माध्यम बन रहा है.

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मखाना की मांग अधिक, उत्पादन कम

मीडिया से बात करते हुए सचिव अग्रवाल ने बताया कि आज मखाना बिहार का फल नहीं रह गया है. बल्कि आज सभी जगह मखाना की मांग हो रही है. लेकिन जितनी मांग है उसके अनुसार उत्पादन नहीं हो पा रहा है. जिसको लेकर काम करने की जरूरत है. वहीं इस महोत्सव का उद्देश्य मखाना को आमजन तक पहुंचाना एवं उत्पाद और निर्यात क्षमता को बढ़ाना है.  मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार डॉ मंगला राय सहित अन्य लोगों ने मखाना की खेती और उपयोगिता को लेकर विस्तार से बात किया.

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