लीची उगाने वाले मुजफ्फरपुर में अब सेब की खेती हो रही है. यहां एक किसान ने सेब का ढाई सौ पौधा लगाकर नई तरह की खेती शुरू की है. किसान का नाम राज किशोर हैं जिन्हें अब आसपास के लोग एपल मैन के नाम से जानते हैं.
सेब के एक पौधे को सौ रुपये में खरीद कर इसकी खेती की गई है. मुजफ्फरपुर के किसान राज किशोर अपने खेतों में सिर्फ जैविक खाद (गोबर) और पानी का इस्तेमाल करते हैं. वे किसी तरह का केमिकल उपयोग में नहीं लेते.
राज किशोर के खेत में लगे एक पेड़ पर कम से कम 50 किलो सेब आता है. वही मात्र दो वर्ष के सेब के पौधा पर पांच किलो तक फल लगा हुआ है. इस तरह किसान को 250 पेड़ों वाले बाग में एक सीजन में दो लाख की आमदनी हुई है.
राज किशोर के लगाए सेब के पौधे जैसे-जैसे बड़े होंगे, उनसे प्रति पेड़ 50 किलो से 100 किलो तक फल प्राप्त किया जा सकता है. एपल मैन के नाम से प्रसिद्ध इस किसान ने गर्मा सेब HRMN 99, अन्ना वेरायटी और डोरसेट गोल्डन नाम की तीन प्रजातियां लगाई हैं.
किसान राज किशोर 2018 में राजस्थान के सीकर जिला गए थे. वहां उन्होंने सेब की खेती देखी और उसी आधार पर मुजफ्फरपुर में भी इस फल की खेती शुरू करने की ठानी. आज वे इसमें सफल हो रहे हैं और मुनाफा भी कमा रहे हैं.
सीकर में राम करण नाम के किसान सेब की खेती करते हैं. इनकी खेती को मुजफ्फरपुर के राज किशोर ने देखी थी. इसके बाद उनके मन में विचार आया और फिर हिमाचल प्रदेश से पौधा मंगा कर सेब की खेती शुरू की.
आज मुजफ्फरपुर के बाग में फल देख कर दूसरे किसान भी सेब की खेती समझने आ रहे हैं. वे भी पौधा ले जाकर अपने खेतों में लगा रहे हैं. राज किशोर का कहना है कि वे खुद के बाग में मदर प्लांट से दूसरा नया पौधा तैयार कर दूसरे किसानों को देते हैं.
बिहार में सेब की खेती इसलिए आश्चर्यजनक मानी जा रही है क्योंकि अभी तक हम इसे ठंडे प्रदेशों में ही देखते थे. ऐसी धारणा था कि सेब ठंडी जगहों पर ही होता है. लेकिन इसकी कई वेरायटी गर्म प्रदेशों के लिए तैयार की गई हैं.
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