
ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान.केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 23 जुलाई मंगलवार को बजट 2024-25 पेश कर दिया है. वित्तमंत्री ने देश का कुल अनुमानित बजट 48.21 लाख करोड़ रुपये का पेश किया है, जो पिछली बार के बजट 47.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. इस बार कृषि और शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट बढ़ाया गया है, जबकि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में मामूली कटौती की गई है.
अनुमानित कुल बजट की रकम अलग-अलग मंत्रालयों की योजनाओं पर खर्च की जाएगी. कुल बजट का सबसे ज्यादा पैसा ब्याज भुगतान के रूप में खर्च होगा. इसके बाद परिवहन क्षेत्र में खर्च होगा. वहीं, डिफेंस सेक्टर के लिए 4.54 लाख करोड़ रुपये का मोटा बजट दिया गया है. कृषि क्षेत्र का अनुमानित खर्च 1.52 लाख करोड़ रुपये रखा गया है और ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
लोकसभा में बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024-25 के लिए उधार के अलावा कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ रुपये और कुल व्यय 48.21 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि शुद्ध कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 फीसदी होने का अनुमान है.
वित्त मंत्रालय के अनुसार बजट 2024-25 में बजट अनुमान कुल 48.21 लाख करोड़ रुपये है. इसमें से ब्याज भुगतान में 11.62 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जो कुल बजट की सर्वाधिक रकम है. इसके बाद रक्षा क्षेत्र के लिए 4.54 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. परिवहन क्षेत्र के विकास पर 5.44 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
वित्त मंत्रालय ने राज्यों के विकास के लिए दी जाने वाली रकम में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी की है. वित्त मंत्रालय ने आम बजट में राज्यों के लिए 3.22 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट तय किया गया है, जो पिछले बजट में 2.86 लाख करोड़ रुपये थी. इसके अलावा पेंशन के रूप में खर्च होने वाली अनुमानित रकम में भी बढ़ोत्तरी की गई है. इस बार 2.43 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो अंतरिम बजट में 2.39 लाख करोड़ रुपये था. वहीं, आम बजट 2024-25 में विभिन्न योजनाओं के तहत दी जाने वाली प्रमुख सब्सिडी के रूप में 3.81 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
विकसित भारत के लक्ष्य के तहत ग्रामीण विकास पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. शहरी विकास के लिए 82,577 करोड़ रुपये और सामाजिक कल्याण के लिए 56,501 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वहीं, कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए बढ़ाकर 1.52 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, पहले यह रकम 1.47 लाख करोड़ रुपये थी.

वित्त मंत्रालय ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए अंतरिम बजट में घोषित बजट से अब रकम को घटा दिया है. अंतरिम बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 90,171 करोड़ रुपये का प्रावधान था, जबकि अब इसे घटाकर 89,287 करोड़ रुपये कर दिया गया है. वहीं, शिक्षा क्षेत्र के लिए वित्तमंत्री ने बढ़ाकर 1.25 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटन रखा है, जो अंतरिम बजट में 1.24 लाख करोड़ रुपये थी.
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