नागौर सांसद हनुमान बेनीवालराजस्थान में नागौर के सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल का वसुंधरा राजे को लेकर दिया गया बयान जबर्दस्त वायरल हो रहा है. नागौर में अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल के प्रचार के दौरान एक सभा में हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर तंज कसते हुए यह बयान दिया है. उन्होंने कहा, राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने के लिए राजनाथ सिंह ने पर्ची वसुंधरा राजे को पकड़ाई थी. पर्ची खोलने के बाद वसुंधरा राजे हैरान थीं. वसुंधरा राजे में हिम्मत होती तो जो पर्ची राजनाथ सिंह ने दी थी उसमें से वो खुद का नाम पढ़ लेती और पर्ची मुंह में खा जातीं.
बेनिवाल ने आगे कहा, अगर कोई होशियार नेता होता तो ऐसा कर देता. उस पर्ची को मुंह में चबा जातीं तो राजनाथ सिंह क्या करते. राजस्थान के मुख्यमंत्री का फैसला कैसे हो पाता. कांग्रेस नेता दिव्या मदेरणा पर भी बेनीवाल ने हमला बोला. उन्होंने कहा कि गहलोत के सामने ठुमके भी लगा आईं, मगर गहलोत ने मदद नहीं की. गहलोत पूरे परिवार को नचाता रहा और भंवरी मामले में जेल में भेज दिया जबकि मैंने दिव्या मदेरणा को जिताने में मदद की थी.
दरअसल दिव्या मदेरणा ने अभी हाल में हनुमान बेनीवाल पर तंज कसा था कि जो बड़े नेता बनते फिर रहे हैं वो रात को 4 बजे तक खिंवसर में लोगों के सामने हाथ जोड़ रहे हैं. उनकी हालत ऐसी हो गई है कि दूसरों को जिताने का दावा करने वाले खुद परेशान हैं. हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के टिकट पर खींवसर से चुनाव लड़ रही हैं. इस बार बेनीवाल को BJP के रेवत राम डांगा से कड़ी टक्कर मिल रही है.
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इससे पहले नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि दिव्या मदेरणा के बाप की जो CD आई थी, जिसे आज भी बच्चे 50-50, 60-60 मिनट चलाकर देखते हैं. इधर उधर घूमते चल रही है, उसको तो कुएं में डूबकर मर जाना चाहिए. इसके जवाब में दिव्या मदेरणा ने हनुमान बेनीवाल के बयान को ट्वीट करते हुए और जाट समाज के लोगों से अपील करते हुए पूछा है कि क्या मुझे कुएं में डूबकर मर जाना चाहिए. समाज के चुने हुए सांसद मेरे मरने की कामना करते हैं मगर मैं डरनेवाली नहीं.
बेनीवाल ने ओसियां में चुनाव प्रचार के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दिव्या मदेरणा कह रही है कि रात को 4 बजे लोगों के घर जाकर हाथ जोड़ रहे हैं तो क्या मैं उसके घर जाकर 4 बजे घंटी बजाया था. वो कहां कहां जाती है उसके बारे में मुझे क्या मतलब है. ये चुनाव BJP और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के बीच हो रहा है मगर कांग्रेस के नेताओं का आला कमान कोई और है और यहां पर BJP नेताओं को जिताने के लिए कांग्रेसी लगे हुए हैं. हर जगह कहते रहती है कि मेरे पिता और दादा ने ये किया-वो किया. मैं कहता हूं कि इसके पिता और इसके दादा ने इस इलाक़े के लिए कुछ भी नहीं किया. अगर किया होता तो आज नागौर के लोग दक्षिण भारत में जाकर रोज़गार नहीं ढूंढते.
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दरअसल ये सारा झगड़ा तब शुरू हुआ जब दिव्या मदेरणा ने एक भाषण में कहा कि जो लोग दूसरे को जिताने का दावा करते थे वो रात रात भर लोगों के हाथ जोड़ रहे हैं. बेनीवाल ने पहले कहा था कि उन्होंने दिव्या मदेरणा को जिताया था. बेनीवाल और दिव्या मदेरणा की अदावत पुरानी है. मगर खिंवसर उपचुनाव में कांग्रेस कहीं नहीं है फिर भी ये दोनों नेता आपस में भिड़े हुए हैं. बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल का बीजेपी के रेवतराम डांगा से कड़ा मुक़ाबला चल रहा है. इस बीच BJP नेता ज्योति मिर्धा ने दिव्या मदेरणा का समर्थन करते हुए कहा है कि दिव्या मदेरणा सही कह रही है कि नागौर के नेता हनुमान बेनीवाल समाज के नाम पर राजनीति करते हैं, मगर समाज के किसी भी नेता को आगे नहीं बढ़ने देना चाहता हैं.(शरत कुमार की रिपोर्ट)
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