Jammu Kashmir Election: जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला ने बदला फैसला, अब गांदरबल से लड़ेंगे चुनाव 

Jammu Kashmir Election: जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला ने बदला फैसला, अब गांदरबल से लड़ेंगे चुनाव 

गांदरबल को नेशनल कॉन्फ्रेंस का गढ़ माना जाता है, जहां अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढ़ियां जीत चुकी हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने 1977 में यह सीट जीती थी, उसके बाद उनके बेटे फारूक अब्दुल्ला ने 1983, 1987 और 1996 में जीत हासिल की.  ​​उमर अब्दुल्ला बाद में 2008 में इस निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए.

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Jammu Kashmir Election: जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला ने बदला फैसला, अब गांदरबल से लड़ेंगे चुनाव जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला ने बदला अपना इरादा

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सितंबर में होने वाले जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में गांदरबल निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. हालांकि कुछ समय पहले उनके पिता फारूख अब्‍दुल्‍ला ने कहा था कि उमर का चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है. गौरतलब है कि जम्‍मू कश्‍मीर में 18 सितंबर से विधानसभा चुनावों का आगाज होगा. ये चुनाव तीन चरणों में पूरे होंगे. आखिरी और अंतिम चरण 1 अक्‍टूबर को होगा. कुछ दिनों पहले उमर ने एक चुनावी रैली की थी जिसमें उन्‍होंने अपने इरादे स्‍पष्‍ट कर दिए थे. 

कब-कब सीट पर मिली जीत 

हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की एक रिपोर्ट में उमर के चुनाव लड़ने की खबरों की पुष्टि की गई है. गांदरबल को नेशनल कॉन्फ्रेंस का गढ़ माना जाता है, जहां अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढ़ियां जीत चुकी हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने 1977 में यह सीट जीती थी, उसके बाद उनके बेटे फारूक अब्दुल्ला ने 1983, 1987 और 1996 में जीत हासिल की.  ​​उमर अब्दुल्ला बाद में 2008 में इस निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए. मंगलवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा जारी 32 उम्मीदवारों की दूसरी सूची में उमर अब्दुल्ला का नाम शामिल है. 

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क्‍यों बदला अपना फैसला 

साल 2014 में शेख इश्फाक जब्बार ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर गांदरबल सीट जीती थी. इससे पहले, उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर दो से ज्‍यादा चुनाव लड़े थे. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.  अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिए जाने से उमर अब्दुल्ला नाराज थे. 27 जुलाई 2020 को उन्‍होंने घोषणा की थी कि जब तक पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता तब तक वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. हालांकि, 16 अगस्‍त को जब चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए चुनावी शेड्यूल का ऐलान किया तो उमर ने भी अपना रुख नरम कर लिया. 

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सीटों पर समझौता फाइनल 

नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस दोनों ने सोमवार शाम को सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए अपने सीट बंटवारे के समझौते को अंतिम रूप दिया. पांच विधानसभा सीटें जहां दोनों सहयोगी नेशनल कॉन्‍फ्रेंस और कांग्रेस अपने उम्मीदवार उतारने जा रहे हैं, वे हैं सोपोर, बनिहाल, भदरवाह, डोडा और नगरोटा. इन पांचों में से सोपोर उन चार सीटों में से एक है, जो कांग्रेस ने 2014 के विधानसभा चुनावों में कश्मीर क्षेत्र में जीती थीं. कांग्रेस ने बनिहाल भी जीता था, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भदरवाह और डोडा जीते थे. नगरोटा नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के हिस्‍से आई थी.

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