देश में आजकल दूध को लेकर एक अलग ही जंग छिड़ी हुई है. और ये जंग छिड़ी है फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के दो ऑर्डर को लेकर. आपको बता दें ये दोनों ऑर्डर दूध में शामिल तत्व A1 और A2 से जुड़े हैं. लेकिन इस सब के बीच दूध को लेकर एक और सवाल उठ रहा है. और ये सवाल जुड़ा है ऑर्गेनिक दूध से. जानकारों की मानें तो खासतौर से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दूध को ऑर्गेनिक बताकर ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा है. जबकि उनके पास इसका कोई सुबूत नहीं है कि दूध ऑर्गेनिक है या नहीं.
बस खुद से ही घोषित कर दिया कि दूध ऑर्गेनिक है. जबकि राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र (एनसीओएनएफ) की मानें तो पशु से ऑर्गेनिक दूध लेना इतना आसान नहीं है. इसके लिए लगातार कई नियमों का पालन करना होता है. तक कहीं जाकर सर्टिफिकेट जारी होता है. एनसीओएनएफ के मुताबिक उनका संस्थान दूध के ऑर्गेनिक होने का प्रमाण पत्र देता है. यह प्रमाण पत्र पशु के नाम पर दिया जाएगा.
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डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि लम्बे वक्त से ऑर्गनिक चारे पर काम चल रहा है. लेकिन चारा ऑर्गेनिक है या नहीं इसके लिए सर्टिफिकेट लेना होता है. लेकिन सिर्फ ऑर्गेनिक हरा चारा खिलाने से ही ही दूध ऑर्गेनिक नहीं हो जाता है. इसके लिए और दूसरे नियमों का भी पालन करना होता है.
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डेयरी और फीड एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि ऑर्गेनिक दूध के मामले में ऐसा भी नहीं है कि आज से आपने पशुओं को ऑर्गनिक चारा देना शुरू किया तो वो कल से ऑर्गनिक दूध देना शुरू कर देंगे. इसके लिए भी नियमानुसार पशुओं के हिसाब से दिन तय किए जाते हैं.
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