एक-दो को छोड़ दें तो ऐसा कोई देश नहीं है जहां टूना मछली पसंद ना की जाती हो. अगर मनपसंद प्रजाति की टूना खाने को मिले तो फिर कोई भी कीमत देने को तैयार रहते हैं. फिशरीज एक्सपर्ट की मानें तो बाजार में टूना की कीमत 150 से 400-500 रुपये किलो तक है. टूना की एक प्रजाति ऐसी भी है की जो लाखों रुपये किलो की कीमत से बिकती है. हालांकि लाखों की कीमत और एक से 15 फुट तक के साइज में पाई जाने वाली इस टूना फिश को पकड़ने पर रोक है. हालांकि सस्ती टूना को पसंद करने वालों की संख्या भी कम नहीं है.
खाने वालों को ताजा और उनकी मनपसंद प्रजाति की टूना मछली मिले, इसके लिए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह इसका बड़ा हब साबित हो रहा है. गौरतलब रहे हर तरह की टूना मछली बड़ी मात्रा में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और उससे लगे समुद्री इलाके में पाई जाती है.
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कहा जाता है कि दूसरी मछलियों के मुकाबले टूना मछली तैरने में बहुत तेज होती है. इतना ही नहीं टूना मछली खाने के फायदे भी बहुत हैं. अगर हड्डियों के हिसाब से बात करें तो टूना में कैल्शियम, विटामिन-डी और मैग्नीशियम बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है. इसलिए टूना खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं. टूना में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा भी खूब होती है तो ये हॉर्ट को भी मजबूत करता है. आंखों को हेल्दी रखने और वजन घटाने के लिए भी टूना मछली फायदेमंद बताई जाती है.
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह को टूना मछली का बैंक भी कहा जाता है. यहां बड़ी मात्रा में टूना मछली पाई जाती है. फिशरीज एक्सपर्ट की मानें तो यहां खासतौर पर येलोफिन टूना, स्किपजैक टूना, बिग आई टूना और नेरिटिक टूना पाई जाती है. लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि भारतीय टूना मछली को इंटरनेशनल मार्केट में वो दाम नहीं मिल पाते हैं जो दूसरे देशों की टूना को मिलते हैं. टूना क्योंकि गहरे समुद्र में पकड़ी जाती है और बाजार तक आते-आते काफी वक्त लग जाता है, जिसका असर इसकी क्वालिटी पर पड़ने लगता है.
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