किसी ने मछली पालन तो किसी ने डेयरी फार्मिंग को बनाया फायदेमंद बिजनेस, अब GADVASU में होगा सम्‍मान

किसी ने मछली पालन तो किसी ने डेयरी फार्मिंग को बनाया फायदेमंद बिजनेस, अब GADVASU में होगा सम्‍मान

गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय लुधियाना में 21-22 मार्च को होेने वाले पशु पालन मेले के पहले दिन राज्य के 6 प्रगतिशील पशुपालकों को मुख्यमंत्री पुरस्कार से सम्‍मानित किया जाएगा. पुरस्कारों में किसानों को नकद राशि के अलावा पट्टिका, शॉल और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा.

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किसी ने मछली पालन तो किसी ने डेयरी फार्मिंग को बनाया फायदेमंद बिजनेस, अब GADVASU में होगा सम्‍मान21 और 22 मार्च को GADVASU में आयोजित होगा पशु मेला

गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय लुधियाना में 21 मार्च को पशु पालन मेले का आयाेजन किया जा रहा है. इसमें राज्य के 6 प्रगतिशील पशुपालकों को मुख्यमंत्री पुरस्कार दिया जाएगा. विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रविंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने विस्तार कार्यक्रमों को मजबूत करके राज्य में पशुधन क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. डीन और निदेशकों सहित विशेषज्ञों की एक समिति ने प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले पशुपालकों से मुलाकात की और कुल खेती प्रणाली का मूल्यांकन किया.

आखिरी  फैसले के बाद विश्वविद्यालय ने विभिन्न श्रेणियों में जीतने वाले पशुपालकों के नामों का ऐलान किया. डॉ. ग्रेवाल ने बताया कि इन पुरस्कारों में किसानों को नकद राशि के अलावा पट्टिका, शॉल और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा.

60 भैंस पाल रहे हैं गुरलाल सिंह

भैंस पालन की श्रेणी में गांव करारवाला, जिला बठिंडा के रहने वाले गुरलाल सिंह को डेयरी फार्मिंग के लिए सम्मानित किया जाएगा. गुरलाल के पास वर्तमान में 60 भैंस हैं. जिनमें से 25 दुधारू भैंसें रोजाना 235 लीटर दूध दे रही हैं. वह अपनी डेयरी फार्म से सीधे उपभोक्ताओं को दूध बेचते हैं और पनीर, खोया और घी भी बनाकर बेचते हैं. 

बलदेव ने 'बीटल ब्रीडर्स क्लब' बनाया

वहीं, बकरी पालन के क्षेत्र में लुधियाना जिले के गांव मनुके संधू के बलदेव सिंह संधू को सम्मानित किया जाएगा. कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 2021 में बकरी पालन शुरू किया था. इस समय उनके पास 200 मवेशी हैं. उन्होंने अपने फार्म को ब्रीडिंग फार्म के तौर पर तैयार किया है और 'बीटल ब्रीडर्स क्लब' भी बनाया है.

मछली पालन में दो किसानों का सम्‍मान

मछली पालन के क्षेत्र में यह सम्मान दो किसानों को दिया जा रहा है. पहले किसान जिला मोगा के रहने वाले अमितेश्वर सिंह गिल हैं. वह पेशेवर डेंटिस्‍ट भी हैं. वह पिछले तीन साल से मछली पालन कर रहे हैं और उनके मछली फार्म की उत्पादन क्षमता 7 टन प्रति वर्ष है.

वहीं, इस श्रेणी के दूसरे किसान कपूरथला के परमिंदरजीत सिंह हैं. वे पिछले तीन सालों से आधुनिक तकनीक से मछली पालन का व्यवसाय कर रहे हैं. उन्होंने मछली तालाब और सुअर पालन को एकीकृत कृषि प्रणाली के साथ जोड़ दिया है. उनका मछली फार्म 4 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें सालाना 10 टन मछली का उत्पादन हो रहा है.

इन सूअर पालकों को किया जाएगा सम्‍मानि‍त

इसके अलावा, सुअर पालन की श्रेणी में सम्मान दो किसानों को दिया जा रहा है. पहले किसान जिला फतेहगढ़ साहिब के रहने वाले हरिंदरपाल सिंह हैं, जो 2016 से सुअर पालन का काम कर रहे हैं. वर्तमान में उनके पास 120 सूअरों सहित कुल 1200 पशु हैं. पिछले तीन वर्षों से उनके फार्म से हर साल 500-700 सुअर बिक रहे हैं.

इस श्रेणी के दूसरे किसान सुरिंदरपाल सिंह जिला फिरोजपुर के गांव वजीदपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने भी 2016 में सुअर पालन शुरू किया था. उनके फार्म पर भी हर साल करीब 400 सुअर बिकते हैं. वे सुअरों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए वैज्ञानिक तरीकों और जैव सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन करते हैं.

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