Jakhrana Goat: खास बकरी की ये नस्ल तीन तरह से कराती है लाखों का मुनाफा, जानें कैसे 

Jakhrana Goat: खास बकरी की ये नस्ल तीन तरह से कराती है लाखों का मुनाफा, जानें कैसे 

देश में बकरियों की 37 रजिस्टर्ड नस्ल हैं. हर नस्ल की बकरी की अपनी एक खासियत है. लेकिन जखराना एक ऐसी नस्ल की बकरी है जो अपने खास तीन गुणों के चलते हमेशा ही डिमांड में रहती है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के गोट साइंटिस्ट का दावा है कि यह एक ऐसी नस्ल है जो बकरियों की तीनों खूबी अपने में समेटे हुए है. 

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Jakhrana Goat: खास बकरी की ये नस्ल तीन तरह से कराती है लाखों का मुनाफा, जानें कैसे स्टाल फीड करतीं जखराना नस्ल की बकरियां. फोटो क्रेडिट-किसान तक

असंगठित होने की वजह से आज भी बकरी पालन मीट की वजह से ही किया जाता है. बकरी का दूध बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन दूध की न तो आसान उपलब्धता है और न ही दूध के बकरी पालकों को सही दाम मिल पाते हैं. लेकिन धीरे ही सही अब दूध कारोबार में बढ़ोतरी होने लगी है. ऑनलाइन बाजार ने बकरी के दूध की डिमांड और रेट दोनों ही बढ़ा दिए हैं. डेंगू की बीमारी में बकरी का दूध दवाई की तरह से काम करता है. 

गोट एक्सपर्ट मानते हैं कि और भी कई ऐसी बड़ी बीमारियां हैं जिसमे बकरी का दूध दवाई का काम करता है. ये बात आम होने के बाद से बकरी पालन करने वालों की संख्या बढ़ने लगी है. यही वजह है कि बकरी पालन को अब दो तरीके से देखा जाता है. हालांकि बकरियों की एक खास नस्ल ऐसी भी है जिसे पालकर दो नहीं तीन तरह से मुनाफा कमाया जा सकता है. 

इसलिए जखराना की तारीख करते हैं गोट साइंटिस्ट

सीआईआरजी के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. गोपाल दास ने किसान तक को बताया कि जैसा हम जानते हैं कि बकरी की पहचान उसके दूध, मीट और बच्चे देने की क्षमता से आंकी जाती है. जखराना एक ऐसी नस्ल है जिसके बकरे और बकरी 25 से 30 किलो वजन तक पर आ जाते हैं. इसके अलावा इस नस्ल की बकरी रोजाना एक से डेढ़ लीटर तक दूध देती है. सीआईआरजी खुद जखराना के दूध को रिकॉर्ड कर चुका है. एक बकरी ने 90 दिन में 172 लीटर दूध दिया था. यह नस्ल एक यील्ड में पांच महीने तक दूध देती है. अब रहा सवाल बच्चे देने की क्षमता के बारे में तो 60 फीसद जखराना बकरी दो या तीन बच्चे‍ तक देती हैं. किसी और दूसरी नस्ल  की बकरी में यह तीनों खूबी एक साथ नहीं मिलेंगी. 

जखराना को अलग बनाती हैं उसकी ये तीन खूबियां 

वजन के मामले में भी बकरे और बकरियों को तीन कैटेगिरी में रखा जाता है. जैसे बड़े आकार वाली, मध्यम आकार और छोटे आकार की. डॉ. गोपाल दास बताते हैं कि बड़े आकार के बकरे और बकरी का वजन 25 से 30 किलो होता है. इस कैटेगिरी में जखराना, बीटल, जमनापरी और सोरती नस्ल की बकरी आती है. मध्य म आकार के बकरे-बकरी का वजन 20 से 24 किलो होता है और इसमे बरबरी नस्ल की बकरी शामिल है. तीसरी होती है छोटे आकार की बकरी जैसे ब्लैक बंगाल और आसाम हिल. इनका वजन 14 से 15 किलो तक ही होता है. 

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