Adulteration in Milk: किचिन में आया दूध सिंथेटिक और पानी मिला तो नहीं है, घर पर ऐसे करें जांच

Adulteration in Milk: किचिन में आया दूध सिंथेटिक और पानी मिला तो नहीं है, घर पर ऐसे करें जांच

Adulteration in Milk दूध किसी भी परिवार और किचिन की रोजमर्रा की दिनचर्या का अहम हिस्सा है. अपवाद छोड़ दें तो दिन की शुरुआत दूध के बिना करने की सोचना मुश्किल होता है. धार्मिक क्रिया-कलाप में भी दूध का बड़ा ही महत्व है. लेकिन आजकल दूध के प्योर होने पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. दूध में अब सिर्फ पानी की ही मिलावट नहीं होती है, दूध ही सिंथेटिक तरीके से तैयार कर दिया जाता है. 

Advertisement
Adulteration in Milk: किचिन में आया दूध सिंथेटिक और पानी मिला तो नहीं है, घर पर ऐसे करें जांचसिंथेटिक और मिलावटी दूध की जांच घर पर भी की जा सकती है.

Adulteration in Milk हाल ही में खासतौर पर पश्चिूमी उत्तर प्रदेश में मिलावटी दूध पकड़े जाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. सिंथेटिक तरीके से तैयार किया गया पनीर भी बड़ी मात्रा में जब्त किया गया है. दूध के तो कई-कई टैंकर पकड़े गए हैं. जिन्हें यूपी के खाद विभाग की टीम जब्त कर दूध को बिकवा दिया. लेकिन इस तरह की घटनाएं न तो पहली थीं और न ही आखि‍री. इसलिए डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि बहुत जरूरी है कि दूध उपभोक्ता जागरुक हो जाएं. जरा सा भी शक होने पर घर आए दूध की जांच कर लें. 

अब तो घर पर भी दूध की जांच करना आसान हो गया है. दूध जांचने के लिए कई स्मॉल किट बाजार में आ गई हैं. नेशनल डेयरी रिसर्च सेंटर, करनाल, हरियाणा और गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासु), लुधि‍याना ने  दूध और दूध से बने कुछ प्रोडक्ट की घर पर ही जांच करने के लिए कई स्मॉल किट बनाई हैं. कुछ मामलों में तो बिना किट के भी दूध की जांच की जा सकती है. 

दूध की बूंद बताती है पानी की मिलावट

दूध की बूंद को चिकनी सतह पर गिराएं.
अगर बूंद धीरे बहे और सफेद निशान छोड़े तो शुद्ध दूध है.
मिलावटी दूध की बूंद बिना निशान छोड़े तेजी से बह जाएगी.

दूध में वनस्पति की ऐसे होती है पहचान

तीन एमएल दूध में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की 10 बूंद मिलाएं.
एक चम्मच चीनी मिलाने के पांच मिनट बाद लाल रंग हो जाएगा.

ऐसे पहचान सकते हैं दूध में स्टार्च 

आयोडीन की कुछ बूंदें दूध में मिलाएं.
मिलाने पर मिश्रण का रंग नीला हो जाएगा.

दूध में यूरिया का ऐसे चलता है पता

टेस्ट ट्यूब में थोड़ा दूध और सोयाबीन या अरहर पाउडर मिलाएं.
पांच मिनट बाद लाल लिटमस पेपर इसमें डुबोएं.
अगर पेपर का रंग नीला हो जाए तो यूरिया मिला है.

दूध में फॉर्मेलिन को ऐसे पहचानें 

10 एमएल दूध में पांच एमएल सल्फ्यूरिक एसिड मिलाएं.
बैंगनी रंग की रिंग का बनना फॉर्मेलिन होने का संकेत.
दूध लंबे समय तक ठीक रखने के लिए फॉर्मेलिन मिलाते हैं.

सिंथेटिक दूध की ऐसे करें पहचान

सिंथेटिक दूध स्वाद में कड़वा लगता है.
उंगलियों के बीच रगड़ने पर साबुन जैसा चिकनापन लगता है.
गर्म करने पर पीला पड़ जाता है.
अत्याधुनिक उपकरणों का प्रयोग

ऐसे तैयार होता है सिंथेटिक दूध 

जानकारों की मानें तो मिलावट खोर सिंथेटिक दूध को तैयार करने में टाइटेनियम डाई ऑक्साइड, बी वैक्स (मधुमक्खी के छत्ते से निकलने वाला मोम) की मिलावट करते हैं. टाइटेनियम डाई ऑक्साइड ना खाने योग्य सफेद रंग का पाउडर होता है. इसे पानी में मिलाने पर उसका रंग दूध जैसा दिखने लगता है. फिर दूध में मिठास लाने के लिए वी बैक्स मिलाया जाता है. दूध को तैयार करने के लिए मिलावटखोरों ने लैब भी बना ली हैं. केमिकल से तैयार दूध को इलेक्ट्रिक मथनी से फेटा जाता है, जिससे की सभी आइटम अच्छी तरह से मिल जाएं.

ये भी पढ़ें-  मीट उत्पादन में 5वीं से 4 पोजिशन पर आया भारत, दूध-अंडे में पहले-दूसरे पर बरकरार

ये भी पढ़ें-  जरूरत है अंडा-चिकन को गांव-गांव तक पहुंचाकर नया बाजार तैयार किया जाए-बहादुर अली

POST A COMMENT