सिंथेटिक और मिलावटी दूध की जांच घर पर भी की जा सकती है.Adulteration in Milk हाल ही में खासतौर पर पश्चिूमी उत्तर प्रदेश में मिलावटी दूध पकड़े जाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. सिंथेटिक तरीके से तैयार किया गया पनीर भी बड़ी मात्रा में जब्त किया गया है. दूध के तो कई-कई टैंकर पकड़े गए हैं. जिन्हें यूपी के खाद विभाग की टीम जब्त कर दूध को बिकवा दिया. लेकिन इस तरह की घटनाएं न तो पहली थीं और न ही आखिरी. इसलिए डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि बहुत जरूरी है कि दूध उपभोक्ता जागरुक हो जाएं. जरा सा भी शक होने पर घर आए दूध की जांच कर लें.
अब तो घर पर भी दूध की जांच करना आसान हो गया है. दूध जांचने के लिए कई स्मॉल किट बाजार में आ गई हैं. नेशनल डेयरी रिसर्च सेंटर, करनाल, हरियाणा और गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना ने दूध और दूध से बने कुछ प्रोडक्ट की घर पर ही जांच करने के लिए कई स्मॉल किट बनाई हैं. कुछ मामलों में तो बिना किट के भी दूध की जांच की जा सकती है.
दूध की बूंद को चिकनी सतह पर गिराएं.
अगर बूंद धीरे बहे और सफेद निशान छोड़े तो शुद्ध दूध है.
मिलावटी दूध की बूंद बिना निशान छोड़े तेजी से बह जाएगी.
तीन एमएल दूध में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की 10 बूंद मिलाएं.
एक चम्मच चीनी मिलाने के पांच मिनट बाद लाल रंग हो जाएगा.
आयोडीन की कुछ बूंदें दूध में मिलाएं.
मिलाने पर मिश्रण का रंग नीला हो जाएगा.
टेस्ट ट्यूब में थोड़ा दूध और सोयाबीन या अरहर पाउडर मिलाएं.
पांच मिनट बाद लाल लिटमस पेपर इसमें डुबोएं.
अगर पेपर का रंग नीला हो जाए तो यूरिया मिला है.
10 एमएल दूध में पांच एमएल सल्फ्यूरिक एसिड मिलाएं.
बैंगनी रंग की रिंग का बनना फॉर्मेलिन होने का संकेत.
दूध लंबे समय तक ठीक रखने के लिए फॉर्मेलिन मिलाते हैं.
सिंथेटिक दूध स्वाद में कड़वा लगता है.
उंगलियों के बीच रगड़ने पर साबुन जैसा चिकनापन लगता है.
गर्म करने पर पीला पड़ जाता है.
अत्याधुनिक उपकरणों का प्रयोग
जानकारों की मानें तो मिलावट खोर सिंथेटिक दूध को तैयार करने में टाइटेनियम डाई ऑक्साइड, बी वैक्स (मधुमक्खी के छत्ते से निकलने वाला मोम) की मिलावट करते हैं. टाइटेनियम डाई ऑक्साइड ना खाने योग्य सफेद रंग का पाउडर होता है. इसे पानी में मिलाने पर उसका रंग दूध जैसा दिखने लगता है. फिर दूध में मिठास लाने के लिए वी बैक्स मिलाया जाता है. दूध को तैयार करने के लिए मिलावटखोरों ने लैब भी बना ली हैं. केमिकल से तैयार दूध को इलेक्ट्रिक मथनी से फेटा जाता है, जिससे की सभी आइटम अच्छी तरह से मिल जाएं.
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