ठंड में मछलियों का ऐसे रखें ध्यानसर्दियों का मौसम जैसे ही शुरू होता है, गेहूं की बुवाई के साथ किसानों की व्यस्तता बढ़ जाती है. लेकिन यही समय मछली पालन करने वाले किसानों के लिए चुनौती लेकर आता है. ठंड में पानी का तापमान तेजी से गिरता है, जिससे मछलियों की वृद्धि कम हो जाती है और कई बार उनकी सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि किसान कुछ सावधानियां अपनाकर मछलियों को ठंड के नुकसान से बचाएं. आइए सर्दियों में मछली पालन के दौरान ध्यान देने वाली बातों को समझते हैं.
सर्दियों में पानी बहुत ठंडा हो जाता है. अगर पानी का तापमान 20–25 डिग्री सेल्सियस के बीच नहीं रहता, तो मछलियों का विकास रुकने लगता है और वे सुस्त हो जाती हैं. इसलिए तालाब या टैंक का तापमान स्थिर बनाए रखना बेहद जरूरी है. किसान चाहें तो तालाब के किनारे तिरपाल या बांस की शेडिंग लगा सकते हैं, जिससे ठंडी हवा सीधे पानी पर न पड़े और तापमान संतुलित रहे.
ठंडे मौसम में पानी में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है. इससे मछलियों को सांस लेने में दिक्कत होती है और वे तनाव में आती हैं. इसलिए टैंक या तालाब में ऑक्सीजन देने वाले एरेटर या एयर पंप का उपयोग करें. सुबह और शाम के समय ऑक्सीजन स्तर का खास तौर से ध्यान रखें, क्योंकि सर्द मौसम में यही समय सबसे अधिक संवेदनशील होता है.
ठंड के कारण मछलियों का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है. यानी वे कम खाना पचाती हैं. यदि ज्यादा भोजन दिया जाए तो वह पानी में सड़ने लगता है, जिससे पानी की गुणवत्ता खराब होती है. इसलिए मछलियों को हल्का, आसानी से पचने वाला और कम मात्रा में भोजन दें. खाने की मात्रा मौसम की ठंडक को देखते हुए ही तय करें.
सर्दियों में पानी में नाइट्रोजन और अमोनिया का स्तर बढ़ सकता है, जो मछलियों के लिए हानिकारक होता है. ऐसे में नियमित रूप से पानी की जांच करें. जरूरत पड़ने पर तालाब में ताजा पानी डालें, ताकि पानी की गुणवत्ता बनी रहे. साफ पानी मछलियों को स्वस्थ रखने का सबसे आसान तरीका है.
सर्द मौसम में धूप शरीर को गर्मी और ऊर्जा देती है. यही बात मछलियों पर भी लागू होती है. यदि मछलियाँ टैंक में हैं, तो उसे ऐसी जगह रखें जहां कुछ घंटे धूप आए. तालाब में हो तो आसपास की झाड़ियों को साफ करें, ताकि धूप आसानी से पानी तक पहुंच सके.
ठंड में मछलियाँ विभिन्न प्रकार के संक्रमणों और रोगों की चपेट में ज्यादा आती हैं. इसलिए नियमित रूप से मछलियों और पानी की जांच करें. यदि मछलियों में कोई लक्षण जैसे सुस्ती, चकत्ते या अनियमित तैरना दिखाई दे तो तुरंत विशेषज्ञ सलाह लें और उपचार शुरू करें.
कई किसान तालाब के चारों ओर प्लास्टिक, घास या बांस की शेडिंग लगाकर पानी को ठंड से बचाते हैं. यह तरीका कम खर्च में तापमान स्थिर रखने में मदद करता है. इससे ठंड का सीधा असर तालाब पर नहीं पड़ता. सर्दियों में थोड़ी सी सावधानी और सही प्रबंधन से किसान मछलियों को ठंड के नुकसान से बचा सकते हैं और अच्छी पैदावार सुनिश्चित कर सकते हैं. सही तापमान, साफ पानी, नियंत्रित आहार और समय पर देखभाल-ये चार कदम हर मछली पालक के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
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