मछली पालन की बात आते ही दिमाग में किसी बड़े तालाब की बात आती है. यानी कम से कम 5000 वर्ग फीट का कोई तालाब जरूर होना चाहिए जिसमें किसान कॉमर्शियल तौर पर मछली पालन कर सके. लेकिन क्या आपको पता है कि किसी छोटे तालाब में भी मछली पालन कर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आप इसे गड्ढा भी कह सकते हैं क्योंकि 10 बाई 20 या 10 बाई 30 फीट के गड्डे भी में मछली पालन कर सकते हैं. लेकिन गड्ढे में मछली पालन से कमाई नहीं हो सकती बल्कि वह पर्सनल यूज यानी कि अपने खाने के लिए मछली पालन हो सकता है.
फिर कॉमर्शियल मछली पालन के लिए और अधिक कमाई के लिए तालाब का साइज क्या होना चाहिए? इसके बारे में एक्सपर्ट बताते हैं कि कोई भी तालाब आधा एकड़ या एक एकड़ का जरूर होना चाहिए, तभी उससे कमाई के लायक मछली पालन किया जा सकता है. हालांकि लोग किसी छोटे गड्ढे में भी मछली करते हैं और आप भी कर सकते हैं, लेकिन इससे कमाई नहीं होगी.
दरअसल, गड्डा या छोटा तालाब मछलियों के लिए स्वस्थ वातावरण नहीं दे पाता. छोटी जगह में ऑक्सीजन की कमी रहती है जिसका असर मछलियों की सेहत पर देखा जाता है. छोटे गड्ढे में मछली पालन करें तो वहां अमोनिया कंट्रोल करना मुश्किल होता है, वहां नाइट्रेट की मात्रा अधिक बढ़ती है. इससे मछलियों के मरने का खतरा अधिक होता है. छोटे तालाब या गड्ढे में मछलियों के घूमने की जगह कम होती है जिससे उनका साइज नहीं बढ़ पाता. इसलिए, बड़े आकार के तालाब के लिए सिफारिश की जाती है.
मछलियां चूंकि नदी का जीव हैं, इसलिए उन्हें अधिक से अधिक जगह चाहिए होती है. ऐसे में तालाब जितना बड़ा होगा, मछली पालन में उतना ही फायदा होगा. सामान्य तौर पर कमाई के लिए कम से कम आधा एकड़ या एक एकड़ का तालाब जरूर होना चाहिए जिसमें मछलियां ठीक से पनप सकें. तालाब में मछलियां कभी ब्रीडिंग नहीं कर पातीं, इसलिए उन्हें नदी की तरह हैचरी में ब्रीड कराया जाता है. हैचरी बड़ी होती है जहां मछलियां ब्रीडिंग करती हैं. इसी तरह मछलियों का साइज बढ़ाने के लिए तालाब का आकार भी बड़ा होना जरूरी है.
इन सभी बातों के बावजूद अगर किसी किसान के पास बड़ा तालाब नहीं है और वह छोटे स्तर पर, भले ही अपने खाने के लिए मछली पालन करना चाहता है तो छोटे तालाब या गड्ढे का इस्तेमाल कर सकता है. इस गड्ढे में एक ही मछली है जिसका नाम है मांगुर, उसे पाला जा सकता है. मांगुर कीचड़ की मछली है और उसे छोटी जगह ही पसंद है. इस तरह की मछली का पालन उन जगहों पर करते हैं जहां पोल्ट्री फार्म हो या जहां बूचड़खाना हो.
इसके लिए आपको पोल्ट्री फार्म के बगल में एक छोटा गड्ढा बनाना है और उसमें मांगुर के 100 बच्चे छोड़ देने हैं. इस गड्ढे में आप पोल्ट्री का खराब मांस या बूचड़खाने का मांस डालते रहना है. घर में अगर मांसाहार बनता है और उसका कोई अवशेष बचता है तो उसे भी गड्ढे में डाल दें. इस अवशेष को मांगुर मछलियां खाएंगी और इससे उनका विकास होगा. आप चाहें तो छोटे स्तर पर इन मछलियों को बेचने का काम भी कर सकते हैं. हालांकि यह पर्सनल यूज के लिए ज्यादा अच्छी मछली है.
मांगुर को छोटे गड्ढे में इसलिए पालना आसान है क्योंकि यह किसी भी परिस्थिति में जिंदा रह लेती है. इसकी सहन शक्ति अधिक होती है. यह नाले और छोटी नालियों में भी रह सकती है. इसे सांस लेने में कठिनाई नहीं होती क्योंकि पानी में ऑक्सीजन की कमी होने पर यह पानी के सतह पर आ जाती है और आसानी से हवा से सांस ले लेती है. इस तरह आप गड्ढे में भी मांगुर जैसी मछली का पालन कर सकते हैं.
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