Animal Care: डीवर्मिंग और टीकाकरण से बढ़ाएं पशुओं की सेहत, बढ़ेगी उत्पादन क्षमता
Animal Care: टीकाकरण और डीवर्मिंग, दोनों ही पशुओं की सेहत और उत्पादकता के लिए बेहद जरूरी हैं. समय पर टीका और दवा देने से न सिर्फ पशु स्वस्थ रहते हैं, बल्कि किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होती है. पशुपालकों को चाहिए कि वे नियमित रूप से इन योजनाओं का पालन करें और पशु चिकित्सक की सलाह लें.
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टीकाकरण से बढ़ाएं पशुओं की सेहत (Animal vaccination)
पशुओं की अच्छी सेहत और अधिक दूध उत्पादन के लिए उनका समय पर टीकाकरण और डीवर्मिंग (कृमिनाशक दवा देना) बेहद ज़रूरी है. इससे न केवल पशु बीमारियों से बचते हैं, बल्कि इंसानों में फैलने वाली बीमारियों (जूनोटिक रोग) पर भी नियंत्रण रहता है. आइए जानते हैं टीकाकरण और डीवर्मिंग से जुड़ी जरूरी बातें.
टीकाकरण से पहले की सावधानियां
पशु की जांच करें – टीकाकरण से पहले पशु का तापमान ज़रूर जांचें. बीमार पशु को टीका नहीं लगवाना चाहिए.
कृमिनाशक दवा पहले दें – टीकाकरण से लगभग दो हफ्ते पहले कृमिनाशक दवा दी जानी चाहिए. यह काम पशु चिकित्सक की सलाह से करें.
उम्र और बीमारी के अनुसार टीका – हर बीमारी का टीका एक निश्चित उम्र में दिया जाता है, इसलिए सही समय और बीमारी के अनुसार ही टीकाकरण कराएं.
वैक्सीन को समय पर इस्तेमाल करें – वैक्सीन को रेफ्रिजरेटर (2-7°C) में रखा जाता है. निकालने के बाद जल्द से जल्द इसका उपयोग करना चाहिए.
पशु को काबू में रखें – टीका लगाते समय पशु को अच्छी तरह पकड़ें ताकि इंजेक्शन सही जगह, मात्रा और दिशा में लगाया जा सके.