पूरी तरह एक्सपोर्ट पर आधारित झींगा (Shrimp) बुरे दौर से गुजर रहा है. झींगा के अच्छे दिन तब और खराब हो गए जब अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हुआ और डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनी है. टैरिफ वॉर को हम सभी देख रहे हैं. ऐसे में नई आई क्रिसिल की रिपोर्ट ने और बैचेनी बढ़ा दी है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में झींगा एक्सपोर्ट की मात्रा स्थिर रहेगी. क्रिदसिल की रिपोर्ट में इसकी बड़ी वजह टैरिफ और कमजोर डिमांड को बताया गया है.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारतीय झींगा एक्सपोर्ट में इस वित्त वर्ष में बढ़ती कीमतों और मुद्रा लाभ के चलते रेवेन्यू में मामूली दो-तीन फीसद की ही बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. रिपोर्ट की मानें तो इतना सब होने के बाद भी अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले हाई टैरिफ और प्रमुख आयातक देशों में डिमांड में कमी के चलते एक्सपोर्ट की मात्रा स्थिर रहेगी.
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक हिमांक शर्मा का कहना है कि भारत अपने झींगा उत्पादन का करीब 48 फीसद अमेरिका को एक्सपोर्ट करता है. हालांकि अमेरिका द्वारा घोषित टैरिफ वर्तमान में रोक दिए गए हैं, लेकिन दक्षिण अमेरिकी निर्यातकों खासतौर से इक्वाडोर, जो दुनिया का सबसे बड़ा झींगा निर्यातक है को फायदा पहुंचाने की आशंका है. पिछले वित्त वर्ष में भारतीय झींगा निर्यातकों के लिए हालात मुश्किल हो गए थे, क्योंकि अमेरिका द्वारा 5.77 फीसद का प्रतिपूरक शुल्क लगाए जाने के बाद कीमतें और बढ़ गई थीं. इस वित्त वर्ष में जब अमेरिका ने पारस्परिक शुल्क लगाया, जबकि यूरोपीय संघ और चीन जैसे अन्य प्रमुख बाजारों में आर्थिक गतिविधि सुस्त रही तो निर्यातकों को मांग में स्थिरता देखने को मिलेगी. वहीं बीते कुछ साल में वैश्विक झींगा डिमांड करीब 40 लाख टन स्थिर रही है और इस वित्तीय वर्ष में भी यह कम रहने की संभावना है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन जैसे प्रमुख आयातक क्षेत्रों में आर्थिक बढ़ोतरी धीमी है.
अमेरिका के वाणिज्य विभाग (DOC) ने भारत से अमेरिका को एक्सपोर्ट होने वाले फ्रोजन झींगा पर दूसरे देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा डयूटी लगाई हुई है. हालांकि दूसरे देशों पर एंटी डंपिंग डयूटी लगाई है तो भारत पर सीवीडी लगाई है. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने इक्वाडोर पर 3.75 फीसद एंटी डंपिंग डयूटी तो इंडोनेशिया पर 2.84 फीसद और वियतनाम पर 1.3 फीसद एंटी-डंपिंग डयूटी लगाई गई है. वहीं भारत पर 5.75 फीसद सीवीडी लगाई गई है. अब एक डर ये भी सता रहा है कि अमेरिका भारतीय झींगा पर साल 2025 में ये डयूटी 30 फीसद तक कर सकता है. अमेरिकी सीनेटर का आरोप है कि भारत अपने यहां इंपोर्ट होने वाली खाने की चीजों पर 30 फीसद जैसी भारी-भरकम डयूटी वसूल करता है.
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