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राजस्थानः लंपी से दुधारू गाय की मौत पर ही मुआवजा, सरकारी न‍ियम में उलझे पशुपालक

राजस्थानः लंपी से दुधारू गाय की मौत पर ही मुआवजा, सरकारी न‍ियम में उलझे पशुपालक

राजस्थान में लंपी बीमारी से 76 हजार से अधिक मवेशियों की मौत हुई थी. सरकार ने मुआवजा देने की घोषणा की, लेकिन इसमें शर्त जोड़ दी कि सिर्फ दुधारू गाय का ही मुआवजा दिया जाएगा. इससे 52 हजार पशुपालकों को ही राहत मिल पाई है. हालांकि राजस्थान उन राज्यों में से है जहां लंपी प्रभावित पशुपालकों को मुआवजा दिया जा रहा है.

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राजस्थान में लंपी बीमारी से 76 हजार से अधिक मवेशियों की मौत हुई थी. फोटो- By Arrengement राजस्थान में लंपी बीमारी से 76 हजार से अधिक मवेशियों की मौत हुई थी. फोटो- By Arrengement

राजस्थान में कोरोना के बाद गायों में फैली लंपी बीमारी से हजारों गायों की मौत हुई थी. हजारों पशुपालक इससे प्रभावित हुए थे. एक बार फिर लंपी की प्रदेश में चर्चा है, लेकिन इस बार बीमारी को लेकर नहीं बल्कि चर्चा लंपी प्रभावित पशुपालकों को मिलने वाले मुआवजे को लेकर है. दरअसल , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते फरवरी महीने में बजट पेश करते हुए घोषणा की थी कि लंपी से प्रभावित पशुपालकों को सरकार प्रति गोवंश 40 हजार रुपये का मुआवजा देगी,लेकिन जब मुआवजा देने की बात आई है तो सरकारी नियमों के फेर में 20 हजार से अधिक पशु बाहर हो गए. 

क्या है पूरा मामला? 

राजस्थान सरकार ने बजट में लंपी प्रभावित पशुपालकों को 40 हजार रुपये प्रति गोवंश का मुआवजा देने की घोषणा की. लेकिन जब मुआवजे के नियम बने तो इसमें मृत गाय में दुधारू होने की शर्त भी जोड़ दी. मतलब मुआवजा मृत दुधारू गायों के मालिकों को ही देय होगा. इस नियम के कारण लंपी में मरे गोवंश में से 20,444 गोवंश कम हो गए.

ये हैं लंपी से मरे गोवंश और मुआवजा का आंकड़ा

राजस्थान में 2020 और 2021 में लंपी बीमारी से 76030 मवेशियों की मौत हुई थी. ये सरकारी आंकड़ा है. हालांकि मृत मवेशी की संख्या इससे कहीं अधिक है. मुआवजे की घोषणा के बाद पशुपालन विभाग ने दुधारू पशुओं की गणना शुरू कराई. इससे लिए पशुपालन विभाग और पशुधन कल्याण बोर्ड की ओर से डोर-टू-डोर सर्वे कराया गया है.

इस सर्वे में उन्हीं मृत गायों को मुआवजे के काबिल माना गया जिन्हें पशुपालकों ने डॉक्टर को दिखाया था. ऐसे में अब विभाग ने 55,586 दुधारू गायों की मौत ही लंपी से होना माना है. मुआवजा भी इन्हीं गायों के लिए दिया जाएगा. विभाग ने 52,760 पशुपालकों को मुआवजे की लिस्ट में शामिल किया है. 

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राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के सीईओ डॉ. एनएम सिंह ने किसान तक को बताया कि हमने अपनी ओर से सारी प्रक्रिया पूरी कर ली है. पशुपालन विभाग ने लंपी से मारी गई मवेशी, दुधारू गाय और प्रभावित पशुपालकों की सूची डीओआईटी में पहुंचा दी है. मुआवजा पशुपालकों को सीधे खाते में भेजा जाएगा. 

दुधारू गाय की कीमत 70-80 हजार रुपये, मुआवजा 40 हजार 

राजस्थान में अच्छी नस्ल की दुधारू गायों की कीमत काफी अच्छी है. ये कीमत दूध के हिसाब से होती है. जैसलमेर जिले के सांवता गांव के पशुपालक सुमेर सिंह बताते हैं कि हमारे क्षेत्र में गायों की कीमत प्रति लीटर दूध के हिसाब से तय होती है. राठी गाय पर यह 5-8 हजार रुपये प्रति लीटर है. नस्ल के हिसाब से यह कीमत बढ़ती ही है. इस तरह एक दुधारू गाय की कीमत 70-80 हजार रुपये तक है. लेकिन सरकार ने 40 हजार रुपये ही मुआवजा घोषित किया है.

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राजस्थान में 15.67 लाख पशुओं को हुआ लंपी

बता दें कि प्रदेश में बारां जिले को छोड़कर सभी 33 जिलों में लंपी बीमारी फैली थी. इससे 15, 67,217 गोवंश प्रभावित हुए थे. इनमें से 76030 पशुओं की मौत हो गई. इनमें से अधिकतर गोवंश थे. इसमें जोधपुर में लगभग 4159, बाड़मेर 2847, जैसलमेर 982, जालौर 3235, पाली 2136, बीकानेर 2985, चूरु  3756, हनुमानगढ़ 3191, गंगानगर 4878 पशुओं की मौत हुई थी. 

वहीं, पूरे राजस्थान में 15,67,217 पशु संक्रमित हुए हैं. सबसे ज्यादा जोधपुर (115864), बाड़मेर (111204), जैसलमेर (41574), जालौर (67399), पाली (63298, बीकानेर (85706), चूरु (76302), हनुमानगढ़ (77331) और गंगानगर में (95236) पशु संक्रमित हुए हैं. 
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