मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि कोंकण बेल्ट, गोवा और महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के कुछ हिस्सों में 12 से 15 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की उम्मीद है. मुंबई और ठाणे में शनिवार तक भारी बारिश के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है. प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को मौसम के पूर्वानुमान के बारे में अपडेट रहने और जरूरी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. आने वाले दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ समेत उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी.
बिहार में भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है, जबकि शुक्रवार को बहुत भारी बारिश के लिए ‘रेड अलर्ट’ का पूर्वानुमान दिया गया है. इसके अलावा, 14 जुलाई तक पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. दक्षिण में भी केरल में 12 से 14 जुलाई तक कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश होगी.
उत्तर प्रदेश के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण कई शहरों में नमी का स्तर बढ़ गया है. मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक राज्य के पूर्वी और पश्चिमी दोनों हिस्सों में बारिश जारी रहने का अनुमान लगाया है. बिहार में, कुछ जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, जो इन क्षेत्रों में मॉनसून के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में बताता है.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 15 जुलाई तक कई राज्यों में बारिश का अनुमान जताया है. हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार, झारखंड और ओडिशा में भारी बारिश की संभावना है. वहीं, उत्तराखंड, मध्य भारत, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान में हल्की बारिश की संभावना है.
IMD ने शुक्रवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें तेज़ हवाएं, बिजली और गरज के साथ बारिश की चेतावनी दी गई है. 15 जुलाई तक इस क्षेत्र में छिटपुट बारिश जारी रहने की उम्मीद है. अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि पिछले 24 घंटों में रोहतास, सीवान, कैमूर, पश्चिमी चंपारण, सुपौल, मुंगेर और बांका सहित बिहार के अलग-अलग हिस्सों में बिजली गिरने से दस लोगों की मौत हो गई.
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रोहतास के नोखा ब्लॉक में पीड़ितों में 55 वर्षीय किसान राम प्रवेश सिंह भी शामिल हैं, जो बुधवार शाम को आए तूफान के दौरान एक जामुन के पेड़ के नीचे शरण लेते समय मारे गए. एक अलग घटना में, कोसी नदी में आई बाढ़ के कारण सहरसा में 2005 में बनी एक पुलिया ढह गई, जो पिछले 23 दिनों में बिहार में ऐसी 15वीं घटना है. वार्ड नंबर 17 की सड़क पर बिजली गिरने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है, जिससे आवागमन ठप हो गया है.