La Nina: नेगेटिव IOD खत्म, लेकिन ला नीना जारी, क्या मॉनसून पर पड़ेगा कोई असर?

La Nina: नेगेटिव IOD खत्म, लेकिन ला नीना जारी, क्या मॉनसून पर पड़ेगा कोई असर?

ऑस्ट्रेलियाई मौसम एजेंसी के अनुसार इंडियन ओशन डाइपोल अब न्यूट्रल, जबकि ट्रॉपिकल पैसिफिक में ला नीना से बारिश और तूफानों का खतरा बना हुआ है.

ला नीना को क्‍यों माना जा रहा है बेहतर बारिश की गारंटीला नीना को क्‍यों माना जा रहा है बेहतर बारिश की गारंटी
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Dec 24, 2025,
  • Updated Dec 24, 2025, 2:41 PM IST

ऑस्ट्रेलियाई ब्यूरो ऑफ मेटियोरोलॉजी (BoM) ने मंगलवार को कहा कि ट्रॉपिकल पैसिफिक में ला नीना मौसम की घटना जारी है, जबकि नेगेटिव इंडियन ओशन डाइपोल (IOD) खत्म हो गया है. नेगेटिव इंडियन ओशन डाइपोल (IOD) घटना खत्म होने के साथ, IOD इंडेक्स अब न्यूट्रल हो गया है. ऑस्ट्रेलियाई मौसम एजेंसी ने कहा, "ब्यूरो का मॉडल बताता है कि IOD कम से कम 2026 के पतझड़ (अप्रैल) के अंत तक न्यूट्रल रहने की संभावना है. यह सभी अंतरराष्ट्रीय मॉडलों के आकलन के अनुसार है. IOD आमतौर पर दिसंबर से अप्रैल के दौरान निष्क्रिय रहता है."

ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान (SST) नवंबर में रिकॉर्ड पर दूसरा सबसे गर्म था, दिसंबर से फरवरी तक के पूर्वानुमानों से पता चलता है कि औसत से अधिक गर्म SST क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में, विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया के पूर्व में, बने रहने की संभावना है. बढ़ा हुआ समुद्री तापमान अतिरिक्त नमी और एनर्जी दे सकता है, जिससे तूफानों, चक्रवातों और बारिश  जैसे सिस्टम की गंभीरता बढ़ सकती है.

नेगेटिव IOD का मतलब क्या है?

"नेगेटिव IOD" (इंडियन ओशन डाइपोल) का मतलब है अफ्रीका के पास पश्चिमी हिंद महासागर में सामान्य से ठंडा समुद्री तापमान, साथ ही इंडोनेशिया/ऑस्ट्रेलिया के पास पूर्वी हिंद महासागर में सामान्य से अधिक गर्म पानी, जिससे दक्षिण पूर्व एशिया/ऑस्ट्रेलिया में बारिश बढ़ जाती है और पूर्वी अफ्रीका में बारिश कम हो जाती है, जो अक्सर ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों के लिए हल्की बारिश वाले मौसम का संकेत देता है लेकिन यह भारतीय मॉनसून को भी हल्का प्रभावित कर सकता है.

भारत के लिए क्या अच्छा, पॉजिटिव या नेगेटिव IOD?

इंडियन ओशन डाइपोल भारत में मॉनसून में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. एक पॉजिटिव IOD अक्सर मॉनसून को मजबूत करता है, जबकि एक नेगेटिव IOD इसे कमजोर कर सकता है. 

क्या पॉजिटिव IOD भारत के लिए अच्छा है?

IOD भारतीय मॉनसून पर अल नीनो के असर को बढ़ा या कम कर सकता है. अगर IOD पॉजिटिव है, तो यह अल नीनो वाले साल में भी भारत में अच्छी बारिश ला सकता है.

IOD मॉनसून को कैसे प्रभावित करता है?

जानकारों के मुताबिक, पॉजिटिव IOD इंडेक्स ने अक्सर ENSO (अल नीनो साऊथ ऑसिलेशन) के प्रभाव को खत्म कर दिया, जिसके चलते कई ENSO वाले वर्षों में मॉनसून की बारिश बढ़ गई. वहीं नेगेटिव IOD के कारण सूखा बढ़ता है. एक नेगेटिव IOD, अल नीनो की तरह प्रभाव छोड़ता है जिससे गंभीर सूखा पड़ता है.

क्या 2025 में अल नीनो होगा या ला नीना?

2025 मुख्य रूप से अल नीनो साल नहीं है, बल्कि इसने साल की शुरुआत में संभावित ला नीना स्थितियों का संकेत दिया था. इसके बाद 2026 के आखिर में अल नीनो की संभावित वापसी की ओर इशारा कर रहे हैं. 2025 की शुरुआत में ला नीना की पूरी संभावना थी, लेकिन 2025 के बीच तक कुछ भी ऐसा नहीं रहा. फिर 2025 के ज्यादातर समय अल नीनो की संभावना बहुत कम रही, हालांकि साल के आखिर में एक कमजोर ला नीना सामने आया.

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