UP Weather Today: उत्तर प्रदेश के मौसम में जल्द नया बदलाव देखने को मिल सकता है. न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी जाएगी. कई दिनों में वायु की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है. जबकि 48 घंटे के अंदर उत्तर प्रदेश के मौसम का मिजाज बदलने वाला है. पिछले 24 घंटे के दौरान उत्तर प्रदेश में सबसे ठंडा जिला बरेली और कानपुर रहा है, जहां पर न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि फैजाबाद में न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. इसके अलावा सभी जिलों में न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस लेकर 17 डिग्री सेल्सियस के बीच ही बना हुआ है, जबकि अधिकतम तापमान 30 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है. लखनऊ मौसम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि 48 घंटे के अंदर उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज कुछ हद तक बदलेगा, अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी जा सकती है. मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि पूर्वानुमान के अनुसार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में रविवार को गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी के आसार हैं. लखनऊ और आसपास के इलाकों में दोपहर बाद बादलों की आवाजाही रह सकती है. अधिकतम तापमान 35 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज हो सकता है.
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लखनऊ मौसम केंद्र की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और हिमालय पर हो रही बारिश के कारण ठंडी हवा का प्रवाह बढ़ेगा. जिसके कारण उत्तर प्रदेश के मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं. झांसी, उरई, हमीरपुर, बस्ती, फतेहपुर, फुरसतगंज और गाजीपुर में न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है. वहीं उत्तर प्रदेश के मेरठ में प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. दिन में धूप के साथ ही मौसम सामान्य बना हुआ है. 14 नवंबर तक मौसम की स्थिति ऐसे ही रहेगी.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और विश्व मौसम विज्ञान संगठन की तरफ से किए गए मौसम पूर्वानुमान के अनुसार इस साल की आने वाली सर्दियों में तापमान सामान्य से अधिक गर्म होगा. साथ ही कहा गया है कि अल नीनो के प्रभाव से अगले साल अच्छी बारिश होगी और भरपूर मॉनसून के संकेत मिल रहे हैं. आईएमडी ने यह भी कहा कि फिलहाल अल नीनो का प्रभाव लंबे समय रहने वाला है जो आने वाले अप्रैल 2024 तक चलेगा. बताते चलें की अल नीनो एक प्राकृतिक रुप से होने वाली जलवायु घटना है जो भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के खराब होने की वजह माना जाता है. इसके प्रभाव से देश में मॉनसून के दौरान बारिश अनियमित हो जाती है और कम बारिश होती है.