मंगलवार सुबह दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर 205.75 मीटर तक पहुंच गया है. इसके साथ ही यह खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया है. नदी का बढ़ते जलस्तर शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. राजधानी में फ्लड अलर्ट घोषित कर दिया गया है और यमुना बाजार में बाढ़ का पानी घुसने लगा है. इसे देखते हुए लोग अपना सामान लेकर इलाके से जाने लगे हैं. हालांकि सोमवार को, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भरोसा दिया था कि सरकार स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार सुबह 6 बजे पुराने यमुना पुल पर नदी 205.68 मीटर पर बह रही थी - जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर है. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मंगलवार, 2 सितंबर को शाम 5 बजे से यमुना नदी पर बने पुराने रेलवे पुल पर ट्रैफिक बंद करने का आदेश दिया है. अधिकारियों ने यमुना के बाढ़ क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है क्योंकि नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
आज शाम तक इसके 206 मीटर के निकासी निशान तक पहुंचने का अनुमान है. अधिकारियों के अनुसार हथिनी कुंड बैराज से 2.07 लाख क्यूसेक, वजीराबाद बैराज से 67,260 क्यूसेक और ओखला बैराज से 61,958 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. तीनों बैराजों से और पानी छोड़े जाने के कारण सुबह 7 बजे जलस्तर बढ़कर 205.75 मीटर हो गया. हरियाणा से रिकॉर्ड पानी छोड़े जाने से दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, इसलिए अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं.
हथिनीकुंड बैराज से पानी का बहाव 3.22 लाख क्यूसेक से ज्यादा होने के बाद सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (I&FC) विभाग ने सोमवार को दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी जारी की. यह आंकड़ा इस मौसम में सबसे ज्यादा है. केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के प्रभारी की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि पानी का बहाव 3 लाख क्यूसेक से ज्यादा हो गया है.
चेतावनी में लिखा है, 'चूंकि ORB का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है और 206.50 मीटर से ज्यादा होने की संभावना है. सभी सेक्टर अधिकारियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखें और संवेदनशील स्थानों पर जरूरी कार्रवाई करें. नदी के तटबंधों के भीतर रहने वाले लोगों को चेतावनी दी जाए और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए.'
सोमवार को सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, 'दिल्ली सरकार और सभी विभाग पूरी तरह सतर्क हैं. स्थिति पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है. पिछले छह महीनों में यमुना और नालों से व्यापक रूप से गाद निकालने के काम के अब स्पष्ट लाभ दिखाई दे रहे हैं. सभी गेट खुले हैं और पानी कहीं भी जमा नहीं है. पानी जिस गति से आ रहा है, उसी गति से बिना रुके आगे बढ़ रहा है.' उन्होंने बताया कि साल 2023 में जल स्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था.
जिला मजिस्ट्रेट (पूर्व) अमोल श्रीवास्तव, जो छह जिलों के बाढ़ नियंत्रण के नोडल अधिकारी भी हैं, ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की सलाह के अनुसार, 2 सितंबर को जल स्तर 206 मीटर को पार करने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि हथनीकुंड से दिल्ली तक पानी पहुंचने में लगभग 36 घंटे लगते हैं. दिल्ली और गुरुग्राम और नोएडा समेत पूरे एनसीआर में बारिश जारी है. दो सितंबर के लिए पूर्वानुमान में कमी के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. माना जा रहा है कि मंगलवार को बारिश से स्थिति और भी खराब हो सकती है.
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