अरब सागर में चक्रवाती तूफान का खतरा बरकरार है. मॉनसून बाद के सीजन में यह पहला चक्रवाती तूफान है जिससे मौसम में बड़ी तब्दीली की संभावना देखी जा रही है. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण पूर्व अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप के इलाके में चक्रवाती सर्कुलेशन दर्ज किया जा रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने कहा है कि चक्रवात के कारण एक लो प्रेशर एरिया बनने के आसार हैं. आईएमडी ने कहा है कि उत्तर पश्चिम भारत में 17 अक्टूबर और उसके आगे के दिनों में बारिश जारी रहेगी. आईएमडी ने यह भी कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 17 अक्टूबर, 2023 को पूरे पूर्व और पूर्वोत्तर भारत, आंध्र प्रदेश के कुछ और हिस्सों और तेलंगाना के शेष हिस्सों से से वापस चला गया है.
समुद्र के गर्म तापमान के कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में अक्टूबर से दिसंबर तक चक्रवातों के बनने की पूरी संभावना रहती है. 2022 में मॉनसून के बाद के मौसम के दौरान अरब सागर के ऊपर कोई तूफान नहीं आया. इसके विपरीत बंगाल की खाड़ी में दो तूफान सितरंग और मंडूस तूफान आए.
मौसमी हालातों को देखते हुए अरब सागर में तेज चक्रवात के आसार बने हुए हैं. अगर चक्रवाती तूफान आता है तो उसका नाम तेज होगा. हिंद महासागर में आने वाले तूफानों के नाम के फॉर्मूला के आधार पर तेज नाम दिया जाएगा. हालांकि अभी इस तूफान की दशा और दिशा के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है.
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मौसम विज्ञानियों की मानें तो जब इस तरह का साइक्लोनिक सर्कुलेशन अरब सागर के ऊपर होता है तो उसका सोमालिया, अदन की खाड़ी, यमन और ओमान की तरफ निकलना आम बात होती है. लेकिन कभी-कभी इसका रूट बदल भी सकता है. कई बार ऐसा तूफान गुजरात और पाकिस्तान के तटीय इलाकों की तरफ अपना रुख कर लेता है. अगर तेज चक्रवात आता है तो गुजरात में इसका असर देखा जा सकता है.
IMD ने 17 अक्टूबर को जारी प्रेस रिलीज में बताया कि उत्तर पाकिस्तान और उसके आसपास साइक्लोनिक सर्कुलेशन के रूप में एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है. इसके प्रभाव में उत्तरी हरियाणा में चक्रवाती सर्कुलेशन का प्रभाव देखा जा रहा है. इसी तरह का सर्कुलेशन दक्षिण पूर्व अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप में भी बना हुआ है.
आईएमडी के मुताबिक, दक्षिणपूर्व अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र पर सर्कुलेशन औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. इसके प्रभाव से अगले 36 घंटों के दौरान दक्षिण पूर्व और इससे सटे पूर्व मध्य अरब सागर पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ने और 21 अक्टूबर के आसपास मध्य अरब सागर के ऊपर एक दबाव में तब्दील होने की संभावना है.
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इसी तरह एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बंगाल की खाड़ी के दक्षिणपूर्व और उससे सटे अंडमान सागर पर स्थित है, जो समुद्र तल से 4.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. इसके पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और इसके प्रभाव से 20 अक्टूबर के आसपास बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने के आसार हैं.