चक्रवाती तूफान फेंगल अगले दो दिनों में दस्तक दे सकता है. 26 नवंबर, दिन मंगलवार को यह अपना असर दिखा सकता है. इससे पहले बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया बना है जो कि खाड़ी के दक्षिण पूर्व दिशा में स्थित है. अगले दो दिनों में यह तटीय क्षेत्रों में जमीन से टकरा सकता है. यह पश्चिम से उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ते हुए आगे बढ़ रहा है. अगले दो दिन में इसके तीव्र होने और चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है. इस बारे में विदेशी एजेंसियों ने पहले ही आगाह किया है.
अंतरराष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान वैज्ञानिक जेसन निकोल्स ने इस चक्रवात के रूट का पूर्वानुमान लगाया है. यदि यह चक्रवाती सर्कुलेशन का रूप लेता है, तो इसका नाम 'फेंगल' होगा, जो सऊदी अरब की ओर से दिया गया नाम है.
यह चक्रवाती तूफान तमिलनाडु की ओर बढ़ेगा और आगे श्रीलंका की ओर बढ़ेगा. हालांकि, सबसे अधिक संभावना है कि यह जमीनी हिस्से को पार करने से पहले कमजोर हो जाएगा. इस संभावित चक्रवात 'फेंगल' का ओडिशा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जैसा कि मौसम पूर्वानुमानों में बताया गया था.
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इस तूफान के बारे में भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने भी जानकारी दी है. अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर आईएमडी ने कहा कि वर्तमान सर्कुलेशन चेन्नई तट से लगभग 1050 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में है. इसके अलावा, इस सिस्टम के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 24 घंटों के दौरान एक गहरे डिप्रेशन में और अधिक तीव्र होने की संभावना है. गहरा डिप्रेशन एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. इसके बाद, सऊदी अरब द्वारा सुझाए गए नाम ‘फेंगल’ को इसका नाम दिया जाएगा.
हालांकि, आईएमडी ने अपने पहले बताए गए रूट में दिखाया कि डीप डिप्रेशन (गहरा डिप्रेशन) श्रीलंका की ओर बढ़ेगा और तमिलनाडु के उत्तरी तट पर समाप्त होने से पहले देश के उत्तरी भागों को प्रभावित करेगा. अभी तक, आईएमडी ने चक्रवाती सर्कुलेशन की चेतावनी नहीं दी है. हालांकि, अन्य वैश्विक मॉडलों ने बताया है कि डीप डिप्रेशन इस सप्ताह के अंत तक एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है और संभवतः दक्षिण भारत में दस्तक दे सकता है.
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संयोग से, सभी मॉडलों ने भविष्यवाणी की कि संभावित चक्रवात फेंगल या तूफानी हवाएं ओडिशा में दस्तक नहीं दे सकती हैं, लेकिन बारिश के साथ इसके तटों को प्रभावित कर सकती हैं. मौजूदा स्थिति के अनुसार, डीप डिप्रेशन की वजह से भुवनेश्वर सहित ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में बादल छाए रह सकते हैं और हल्की बारिश हो सकती है.