
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों के लिए देशभर में मौसम को लेकर कई चेतावनी जारी की हैं. मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 15 नवंबर तक शीतलहर यानी कोल्ड वेव कंडीशंस जारी रहेंगी. वहीं, दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल और माहे में भारी बारिश की संभावना जताई गई है. तमिलनाडु में 17-18 नवंबर को भारी बारिश होने की संभावना है और केरल और माहे में भी आज तेज बारिश का अनुमान है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश, यानम और रायलसीमा में 17-18 नवंबर को गरज-चमक के साथ बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है. जानिए आज देश में कैसा मौसम रहेगा...
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत के राज्यों में ठंड ने पहले से ही असर दिखाना शुरू कर दिया है. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में शीतलहर चल रही है. पूर्वी राजस्थान में भी ठंडी हवाओं ने तापमान गिरा दिया है. बीते दिन राजगढ़ (मध्य प्रदेश) में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस समय मैदानों में सबसे कम है.
आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में भी तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की गई है. अधिकतम तापमान 25 से 27 डिग्री और न्यूनतम 10 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है. 13 से 15 नवंबर के बीच तापमान और घटने की संभावना है. सुबह के समय हल्की धुंध या स्मॉग देखने को मिल सकता है.
हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी रहेगी और गति 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है. मौसम विभाग ने बताया कि इन दिनों दिन और रात में दोनों समय तापमान सामान्य से 2 से 5 डिग्री तक नीचे रह सकता है.
पूर्वोत्तर राज्यों में अगले 5 दिनों तक हल्की से मध्यम धुंध छाई रहेगी. तापमान में 2-3 डिग्री तक की गिरावट हो सकती है. वहीं, देश के अन्य हिस्सों में तापमान में अगले एक हफ्ते तक कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा.
इधर, मौसम विभाग के डिवीजन एग्रोमेट ने तमिलनाडु के किसानों को सलाह दी है कि वे धान और मूंगफली की पकी हुई फसल की कटाई केवल साफ मौसम में करें और कटाई के बाद अनाज को सुरक्षित जगह पर रखें.
खेतों में धान, गन्ना, कपास, उड़द, मक्का और सब्जियों के साथ-साथ नारियल, केला और काली मिर्च जैसी फसलों की जड़ों में पानी जमा न होने दें, इसके लिए उचित निकासी की व्यवस्था करें. तेज हवा या बारिश की स्थिति में केले के पौधों को गिरने से बचाने के लिए लकड़ी या मजबूत डंडों का सहारा दें.
वहीं पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के किसानों को सलाह दी गई है कि ठंड से फसलों को नुकसान से बचाने के लिए शाम के समय हल्की और बार-बार सिंचाई करें. सब्जियों की नर्सरी और छोटे फलदार पौधों को ठंड से बचाने के लिए भूसे या पॉलीथिन शीट से ढककर रखें, ताकि मिट्टी का तापमान संतुलित बना रहे और पौधों की वृद्धि पर असर न पड़े.