भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने कहा है कि एक निम्न दबाव का क्षेत्र दक्षिण पूर्व और उससे सटे दक्षिण पश्चिम अरब सागर पर स्थित है. इसके 21 अक्टूबर के आसपास दक्षिण-पश्चिम और निकटवर्ती पश्चिम-मध्य अरब सागर पर एक दबाव बनने की संभावना है. इसके साथ ही 21 अक्टूबर की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है और 23 अक्टूबर के आसपास बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य भाग पर इसके और अधिक तीव्र होने की संभावना है. इससे तूफान की स्थिति पैदा हो सकती है.
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 19 अक्टूबर को देश के बाकी हिस्सों से वापस चला गया है. दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में पूर्वी या उत्तरपूर्वी हवाओं के चलने के साथ, अगले 72 घंटों में दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र में पूर्वोत्तर मॉनसून वर्षा की गतिविधि शुरू होने की संभावना है. हालांकि, सामान्य तौर पर उत्तर-पूर्वी मॉनसून का शुरुआती चरण कमज़ोर रहने की संभावना है.
बुधवार को दक्षिण-पूर्व और निकटवर्ती पूर्व-मध्य अरब सागर पर निम्न दबाव का क्षेत्र लगभग पश्चिम की ओर बढ़ गया और गुरुवार को 08.30 बजे यह दक्षिण-पूर्व और निकटवर्ती दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के ऊपर स्थित हो गया. इसके लगभग पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और और भी एक्टिव होने की संभावना है. अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र और 21 अक्टूबर के आसपास दक्षिण-पश्चिम और निकटवर्ती पश्चिम-मध्य अरब सागर के ऊपर एक डिप्रेशन में बदल जाएगा.
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बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में बुधवार का चक्रवाती सर्कुलेशन उसी क्षेत्र में बना रहा. इसके प्रभाव से 21 तारीख की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है. इसके बाद, 23 अक्टूबर के आसपास पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर इसके और अधिक तीव्र होकर दबाव बनने की संभावना है. इसके साथ ही एक चक्रवाती सर्कुलेशन निचले और मध्य क्षोभमंडल स्तर पर कोमोरिन क्षेत्र और आसपास के क्षेत्र पर स्थित है. आईएमडी ने कहा है कि देश के अधिकांश इलाकों में अगले पांच दिनों तक मौसम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 15 अक्टूबर की सामान्य तारीख के चार दिन बाद गुरुवार को भारत से पूरी तरह से वापस चला गया है. यह सामान्य तारीख से आठ दिन बाद 25 सितंबर को देश से हटना शुरू हुआ था. आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 01 जून तक केरल में अपनी शुरुआत करता है और 08 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है. यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से वापस जाना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है. “दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 19 अक्टूबर को देश के शेष हिस्सों से वापस चला गया है.“ आईएमडी ने एक बयान में कहा.
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