Gucchi Mushroom: देश में पहली बार सफल हुई गुच्छी मशरूम की कमर्शियल खेती, इसकी कीमत जान चौंक जाएंगे आप

Gucchi Mushroom: देश में पहली बार सफल हुई गुच्छी मशरूम की कमर्शियल खेती, इसकी कीमत जान चौंक जाएंगे आप

विश्व भर में गुच्छी मशरूम उगाने में भारत ने तीसरा स्थान हासिल किया है. पहले और दूसरे स्थान पर चीन और फ्रांस का नाम आता है.

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क‍िसान तक
  • गढ़वाल ,
  • Mar 27, 2025,
  • Updated Mar 27, 2025, 10:00 AM IST

दुनियाभर में मशरूम की हजारों किस्म पायी और उगाई जाती हैं. भारत में ऑयस्टर और बटन मशरूम जैसी किस्में तो बहुत से लोग उगाते हैं लेकिन कुछ अलग और अनोखी किस्मे भी हैं जो बहुत कम लोग उगाते हैं. इनमें से एक है गुच्छी मशरूम. विश्व भर में गुच्छी मशरूम उगाने में भारत ने तीसरा स्थान हासिल किया है. पहले और दूसरे स्थान पर चीन और फ्रांस का नाम आता है. 

भारत में गुच्छी मशरूम उगाने का कमाल उत्तराखंड के पौड़ी जनपद के कोट ब्लॉक स्थित फलदाकोट में हुआ है. कोट ब्लॉक के रहने वाले नवीन पटवाल बीते दो सालों से इस मशरूम का ट्रायल कर रहे थे और अब उनका यह ट्रायल सफल हो गया है. इसकी हर तरफ चर्चा हो रही है. 

गांव लौटकर शुरू किया मशरूम पर काम 
उत्तराखंड में लगातार हो रहे पलायन की चलते आज गांव के गांव खाली हो गए है. वहीं, दूसरी ओर फलदाकोट के रहने वाले नवीन पटवाल ने अपने गांव आकर गुच्छी मशरूम पर काम करना शुरू कर दिया. उनकी मंशा है कि गांव को आबाद करने और लोगों को बेहतर स्वरोजगार देने के लिए गुच्छी मशरूम के क्षेत्र में कार्य करना है. नवीन पटवाल बताते हैं कि दिसंबर 2024 में इसकी शुरुआत हुई थी और तीन महीने बाद ही इसमें परिणाम आने शुरू हो गए हैं. 

नवीन ने कहा कि इस गुच्छी मशरूम को कम तापमान वाले स्थान पर उगाया जाता है. वह लंबे समय से इसको लेकर प्रयास कर रहे थे और कई समस्याएं भी उनके सामने आईं. लेकिन इन सभी समस्याओं को पार करते हुए उन्हें सफल परिणाम मिले हैं. भविष्य में वह इसे बड़े स्तर पर करना चाहते हैं. 

हजारों की है कीमत 
नवीन ने कहा कि पौड़ी जनपद में जिस तरह से पलायन हो रहा है उसे रोकने के लिए यह उनकी एक शुरुआत है. भविष्य में अन्य लोगों को भी इस काम में जोड़ा जाने का पूरा प्रयास है. नवीन पटवाल की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई थी. इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री की. हालांकि, साल 2007 से रुड़की में वह अलग-अलग तरह की मशरूम उगा रहे हैं. उनके दो बच्चे हैं और उनकी पत्नी भी मशरूम के काम में उनकी मदद करती हैं. 

गुच्छी मशरूम उगाना बड़ी बात इसलिए है क्योंकि बाजार में इसकी बहुत अच्छी कीमत मिलती है. औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण बाजार में इसकी कीमत 40 से 50 हजार रुपये प्रति किलोग्राम है. यह पहली बार है जब भारत में गुच्छी मशरूम की खेती में बड़े पैमाने पर व्यावसायिक सफलता मिली है. इससे पहले छोटे पैमाने पर ही इसमें सफलता हासिल की गयी थी. 

(सिद्धांत उन्नियाल की रिपोर्ट)

 

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