सब्जियों की प्राकृतिक खेती से किसान ने कमाए 16 लाख, कई विदेशी किस्में भी उगाईं

सब्जियों की प्राकृतिक खेती से किसान ने कमाए 16 लाख, कई विदेशी किस्में भी उगाईं

किसान अनूपजी ठाकोर कहते हैं, 18 एकड़ में 30 से अधिक विभिन्न किस्मों की फसलें लगाई गई हैं. इस पर कुल 5 से 7 लाख रुपये खर्च हुए हैं. वर्तमान में टमाटर, छोले, बैंगन, दो-तीन प्रकार की तोरी, आइसबर्ग लेटस जैसी सब्जियां उगाई हैं. इनको अहमदाबाद में 100 रुपये प्रति किलो बेच रहे हैं और अब तक वे 16 लाख रुपये से अधिक की सब्जियां बेच चुके हैं.

farmer Anupji Thakorfarmer Anupji Thakor
क‍िसान तक
  • Banaskantha,
  • Mar 18, 2025,
  • Updated Mar 18, 2025, 8:21 PM IST

गुजरात में बनासकांठा जिले के डीसा के किसान अनूपजी ठाकोर ने ड्रिप सिंचाई, ग्रो कवर, मल्चिंग, देशी गाय के गोबर और ठोस गोबर का उपयोग करके प्राकृतिक खेती में बड़ा काम किया है. इस किसान ने प्राकृतिक तरीकों का उपयोग करके अपनी 18 एकड़ जमीन पर कुल 30 किस्म की विदेशी और देशी सब्जियां उगाई हैं. उन्होंने विदेशी सब्जियों में हरी और पीली तोरी, तीन प्रकार के लेटस जिसमें लाल, हरे और पीले आइसबर्ग लेटस भी शामिल हैं, अपने खेतों में उगाया है. इस लेटस का उपयोग सलाड में होता हैं. पहली बार ये फसल सफलतापूर्वक बोई गई है. इसके साथ ही उन्होंने केसर, आम, अमरूद और चीकू जैसी बागवानी फसलें भी लगाई हैं. इन सभी फसलों के साथ कुल 30 से 32 किस्में लगाई हैं और 18 एकड़ में मॉडल फार्म बनाया है. उन्होंने प्राकृतिक खेती करके लाखों की आय भी अर्जित की है.

किसान अनूपजी ठाकोर कहते हैं, 18 एकड़ में 30 से अधिक विभिन्न किस्मों की फसलें लगाई गई हैं. इस पर कुल 5 से 7 लाख रुपये खर्च हुए हैं. वर्तमान में टमाटर, छोले, बैंगन, दो-तीन प्रकार की तोरी, आइसबर्ग लेटस जैसी सब्जियां उगाई हैं. इनको अहमदाबाद में 100 रुपये प्रति किलो बेच रहे हैं और अब तक वे 16 लाख रुपये से अधिक की सब्जियां बेच चुके हैं. वे कहते हैं कि देशी सब्जियों के साथ विदेशी सब्जियां उगा कर एक सफल प्रयोग किया है. सब्जियों की बिक्री अच्छी हो रही है जिससे कमाई भी बढ़िया मिल रही है.

ये भी पढ़ें: Zero से हजार करोड़ की कंपनी बनाने वाले इस शख्स की कहानी आपको उम्मीद से भर देगी

प्राकृतिक विधि से सब्जियों की खेती

वे बताते हैं कि 25 तरह की देसी साग-भाजी की खेती की है जो कि पूरी तरह से ऑर्गेनिक है. इसके साथ विदेशी सब्जियों की खेती भी बड़े पैमाने पर की है. 18 एकड़ के फार्म में उन्होंने 2000 से अधिक आम का पेड़ लगाया है. 2000 से अधिक संख्या में ताइवान पिंक अमरूद लगाया है. यह पूरी खेती टपक सिंचाई पद्धति पर आधारित है. टपक सिंचाई के जरिये ही पौधों को पानी दिया जाता है जिससे पानी की बचत होती है. सब्जियों की खेती पूरी तरह से मल्चिंग विधि से की गई है जिसमें पौधों को ढका जाता है. इन सभी फसलों को लगाने के बाद 20-45 दिन तक ग्रो कवर रखा गया था. इसका फायदा ये हुआ कि फसल पर किसी तरह के कीड़े या बीमारी का अटैक नहीं हुआ. इससे फसल अच्छी निकल रही है और स्वस्थ भी है.

किसान की सफलता की कहानी

किसान ठाकोर ने बताया कि यह पूरी खेती देसी गाय आधारित है. उसके गोबर से बने खाद को ही खेत में इस्तेमाल किया जाता है. गाय के गोबर पर आधारित खेत में जीवामृत का प्लांट लगाया है. उससे निकली तरल खाद ही फसलों को दी जाती है. यह पूरी तरह से प्राकृतिक है. अभी तक इस पूरी खेती पर 5 लाख रुपये खर्च हुए हैं. इस खर्च का अधिकांश हिस्सा मल्चिंग, टपक सिंचाई विधि, ग्रो बैग्स और आम और अमरूद के पौधे लगाने पर इस्तेमाल हुआ है. देसी-विदेशी सब्जियों की खेती पर अधिक खर्च नहीं हुआ है. इस 5 लाख रुपये के खर्च से 16 लाख से अधिक की कमाई कर चुके हैं. 

ये भी पढ़ें: इंजीनियर ने मखाने की खेती में उतरकर बदल दी किसानों की किस्‍मत, 4 साल में करोड़ों में पहुंचा कारोबार

बड़े-बड़े उद्योगपति लोग इस फार्म से साग-भाजी ले जाते हैं जिससे कमाई अच्छी होती है. इसके अलावा गुजरात की अलग-अलग मेगा सिटी में 100 रुपये किलो के हिसाब से सब्जियां बिक रही हैं. इस किसान ने बनासकांठा में पहली बार विदेशी सब्जियों की खेती की है. ये सब्जी ग्रीनहाउस में उगाई जाती हैं, लेकिन ठाकोर ने इसे खुले में उगाकर सिद्ध कर दिया कि अपनी तरकीब अपना कर भी किसान अच्छा उत्पादन ले सकते हैं.(परेशकुमार किशनलाल पढियार की रिपोर्ट)  

 

MORE NEWS

Read more!