समय के साथ खेती का तरीका भी बदल रहा है. कई किसान परंपरागत खेती छोड़कर मुनाफे की खेती की तरफ जा रहे हैं. ऐसे ही एक किसान छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के हैं, जिन्होंने परंपरागत खेती की जगह फूलों की खेती को चुना. फूलों की खेती ने गिरीश देवांगन नाम के इस किसान की जिंदगी बदल दी. जहां परंपरागत खेती से घर चलाना मुश्किल हो रहा था, वहीं फूलों की खेती से गिरीश सालाना 15 लाख रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं.
फूलों की खेती से लाखों की कमाई-
किसान गिरीश देवांगन छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के कोलियापुरी के रहने वाले हैं. उन्होंने ऑर्किड फूल की खेती कर रहे हैं. इस फूल की खेती से किसान को अच्छी-खासी इनकम हो रही है. एक एकड़ के पॉली हाउस में इस फूल की खेती से किसान 10 लाख तक की सालाना कमाई हो रही है.
6 महीने में तैयार होते हैं फूल-
किसान गिरीश देवांगन ने एक एकड़ में 40 से 42 हजार पौधे लगाते हैं. फूलों को तैयार होने में 6 महीने लग जाते हैं. इसके बाद फूल खिलने लगते हैं. इस फूल की खेती कोयले में की जाती है. लकड़ी के कोयले के ऊपर बेड बनाकर इसकी खेती की जाती है. ऑर्किड के फूल की खेती में नारियल के छिलके का भी इस्तेमाल होता है. समय-समय पर पानी का छिड़काव करना पड़ता है. फूलों की जड़ से पानी निकलने के लिए भी जगह होना जरूरी है. कीटों से बचने के लिए कार्बनिक और कीटनाशक दवाओं का भी छिड़काव होता है.
महंगा बिकता है फूल-
ऑर्किड फूल काफी महंगा बिकता है. इसकी काफी डिमांड है. नॉर्मल समय में 8 से 10 रुपए में एक ऑर्किड फूल बिकता है. गिरीश देवांगन ऑर्किड के फूलों को नागपुर भेजते हैं. इसका इस्तेमाल सजावट के साथ दूसरे कामों में भी किया जाता है. इसकी खेती में हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट का सहयोग भी मिलता है. राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत एक बड़ी रकम की मदद भी मिलती है.
ऑर्किड की खेती के लिए क्या है जरूरी-
ऑर्किड के फूलों की खेती में तकनीकी विशेषज्ञों की जरूरत पड़ती है. इसकी खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु की जरूरत होती है. इसको गमले, टोकरी, पेड़ की छाल या नारियल की छाल में लगाया जाता है. इन पौधों को वसंत के अंत और गर्मी की शुरुआत में लगाना चाहिए. इन पौधों को कम प्रकाश और ज्यादा आर्द्र जगह पर रखना चाहिए. इन पौधों को नियमित तौर पर उर्वरक देना चाहिए. इन पौधों में बार-बार पानी देना पड़ता है.
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